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बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार को बड़ा झटका; IRCTC मामले में लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय

बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इस बीच आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आज दो मामलों में लालू यादव, राबड़ी यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर कोर्ट में सुनवाई होनी थी। हालांकि IRCTC मामले में कोर्ट में आज लालू, राबड़ी और तेजस्वी की पेशी हुई। कोर्ट ने लालू, राबड़ी और तेजस्वी सहित सभी 14 आरोपियों पर आरोप तय कर दिया है, जबकि लैंड फॉर जॉब मामले की सुनवाई 10 नवंबर तक के लिए टाल दी गई है।

IRCTC मामले में आरोप तय

दरअसल, IRCTC घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, राबड़ी यादव, तेजस्वी यादव और बाकी के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर राऊज एवेन्यु कोर्ट ने आज आदेश सुनाया। कोर्ट के आदेश के मुताबिक लालू प्रसाद यादव, राबड़ी यादव और तेजस्वी यादव कोर्ट में पेश हुए। यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान IRCTC के दो होटल के रखरखाव का कॉन्ट्रैक्ट एक फर्म को देने में की गई गड़बड़ी से जुड़ा है। CBI ने इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और करप्शन के आरोप लगाए थे। वहीं तीनों की ओर से दलील दी गई थी कि CBI के पास इस केस में मुकदमा चलाने के लिए सबूत नहीं है। इस मामले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं।

लालू, राबड़ी और तेजस्वी का अपराध मानने से इनकार

बता दें कि जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं, उनमें IPC की धारा 420स 120B के तहत आरोप तय हुए हैं। इसके अलावा सिर्फ लालू प्रसाद यादव पर प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) के तहत आरोप तय हुए हैं। आरोप तय करते समय कोर्ट ने लालू यादव से पूछा कि क्या आप अपना अपराध मानते हैं? इस पर लालू प्रसाद यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी यादव ने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया था। तीनों ने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। वहीं राबड़ी देवी ने कहा कि यह केस गलत है।

लैंड फॉर जॉब मामले की सुनवाई टली

वहीं दूसरा केस जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले से जुड़ा हुआ है। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज की सुनवाई टल गई है। इस मामले में सुनवाई 10 नवंबर को होगी, जिस पर फैसला आ सकता है। मामले में CBI का केस है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004-2009 के बीच) बिहार के लोगो को मुंबई, जबलपुर,  कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर में ग्रुप डी पोस्ट के लिए नौकरी दी गई। इसके एवज में नौकरी पाने वाले लोगों ने लालू प्रसाद के परिजनों/परिजनों के स्वामित्व वाली कंपनी के नाम अपनी जमीन ट्रांसफर की।

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