असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को असम मुस्लिम विवाह और तलाक निबंधन अधिनियम 1995 को रद्द करने का फैसला किया है खुद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि इस अधिनियम के रद्द होने से राज्य में बाल विवाह पर रोक लग सकेगा हालांकि सरकार के इस कदम का मुस्लिम समाज विरोध कर रहा है और इसे मुसलमान के खिलाफ दुर्भावना पूर्ण कार्यवाही बता रहा है
दरअसल मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा 23 फरवरी 2024 को असम कैबिनेट ने सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की अनुमति देने वाले प्रावधान शामिल थे भले ही दूल्हा और दुल्हन की आयु 18 और 21 वर्ष की कानूनी उम्र तक नहीं पहुंची हो जैसा कि कानून द्वारा आवश्यक है या फैसला असम में बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कारगर कदम है