
दिल्ली। मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कुछ मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बाधित लोकसभा की बैठक मंगलवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं सरकार ने कहा कि वह चुनाव सुधार समेत हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा में गतिरोध की स्थिति बनी रही और सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। वे ‘एसआईआर पर चर्चा हो’ के नारे लगा रहे थे। पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने विपक्षी दलों के सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि उनके जो भी मुद्दे हैं, उन पर सदन में चर्चा कराई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता अपने मुद्दों पर यहां चर्चा चाहती है। आप सब जिम्मेदार विपक्ष हैं। कृपया बैठ जाइए।’’
सैकिया ने विपक्षी सदस्यों का शोरगुल जारी रहने पर कहा, ‘‘यह तरीका जनता पसंद नहीं करती। ऐसा मत कीजिए। आप सुनियोजित तरीके से बार-बार सदन को बाधित कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है। आपके जो भी मुद्दे हैं उस पर चर्चा करने के लिए सदन तैयार है। पिछले सत्र में भी आपने सदन का समय बर्बाद किया। आपके कारण सदन नहीं चल पा रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप क्यों बार-बार एसआईआर पर बोल रहे हैं। एसआईआर पर चर्चा होगी…..बोला गया है। बिहार में एसआईआर हुआ, परिणाम आपने देखा। जनता को बिहार में अच्छा लगा। एसआईआर का जनता ने भरपूर स्वागत किया।’’ हंगामा नहीं थमने पर, उन्होंने अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू होने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी गतिरोध जारी रहने के बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘कल भी हमने अनुरोध किया था, आज फिर कर रहा हूं। देश में कई मुद्दे हैं, किसी मुद्दे को हम छोटा नहीं मानते। संसद नियम से चलती है। एक मुद्दे को लेकर आप बाकी मुद्दों को दबा नहीं सकते। इस सदन में कई पार्टियां हैं। हर पार्टी की बात सुननी चाहिए। दो-चार पार्टी मिलकर संसद को ठप करेंगी, यह ठीक नहीं है।’’
रीजीजू ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह लोकतंत्र है। चुनाव में हार-जीत होती है, मैं भी चुनाव हारा हूं, अटल जी भी चुनाव हारे थे। लेकिन हार की बौखलाहट में आप संसद में गुस्सा निकालेंगे, वो ठीक नहीं है। ऐसी हरकतें करने के कारण आप (विपक्ष) जनता का विश्वास खोते जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्चासन देता हूं कि चाहे चुनाव सुधार हो, अन्य कोई भी मुद्दा हो, हम पीछे नहीं हटेंगे। देश के किसी भी मुद्दे पर हम चर्चा के लिए तैयार हैं।’’
मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में समाधान के लिए कुछ प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है। हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति पी सी मोहन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले सदन की बैठक पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने पर जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया तो विपक्षी सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। बिरला ने विपक्ष के सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर बैठने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
उन्होंने कुछ विपक्षी सदस्यों के आचरण पर चिंता जताते हुए यह भी कहा, ‘‘जिस तरह का आपका आचरण मैं संसद के अंदर देख रहा हूं और कई सदस्य सदन के बाहर संसद के लिए जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह संसद और देश के हित में नहीं है। अगर उनके राजनीतिक दलों की यही परंपरा है तो देश देख रहा है।’’
बिरला ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘संसद के अंदर विरोध और असहमति लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन मर्यादा और शालीनता बनाए रखें। मैं हमेशा हर मुद्दे पर बात रखने के लिए पर्याप्त समय, पर्याप्त अवसर देता हूं, लेकिन आग्रह है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया को मार्गदर्शन देने वाले लोकतंत्र में संसद की मर्यादा और परंपरा भी उच्चकोटि की होनी चाहिए और आपका आचरण विशेष रूप से संसद की मर्यादा के अनुरूप हो।’’ हालांकि, विपक्ष की नारेबाजी जारी रही और अध्यक्ष ने बैठक दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
चुनाव सुधारों पर चर्चा कराने के लिए लामबंद विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सभापति सीपी राधाकृष्णन ने विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सदस्यों को बताया कि उन्हें पांच विषयों पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव के 20 नोटिस मिले हैं।
उन्होंने कहा कि ये सभी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं है इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। सभापति के इतना कहते ही विपक्ष के सदस्य अपनी जगह पर खड़े होकर चुनाव सुधार और मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग करने लगे।
सभापति ने उनकी मांग को अनसुना करते हुए शून्यकाल की कार्यवाही शुरू कर दी। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के सांसद प्रोफेसर मनोज झा को अपना विषय रखने की अनुमति दी लेकिन श्री झा ने अपने विषय पर बोलने के बजाय चुनाव सुधारों पर चर्चा करने की मांग की। उनकी तरह विपक्ष के अनेक सदस्यों ने यही मांग की, लेकिन सभापति ने उन्हें इस विषय पर बोलने की अनुमति नहीं दी।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति ने सदस्यों के नोटिसों को खारिज करते हुए न तो इसका कारण बताया और न ही सदस्यों के दिए नोटिस के विषय और सदस्यों के नाम का भी उल्लेख नहीं किया जबकि सदन में पहले से यह परंपरा रही है। उन्होंने सभापति से अनुरोध किया कि वे चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा शुरू कराएं।
द्रमुक के तिरुचि शिवा ने भी व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए सभापति से विपक्ष के सदस्यों की बात सुनने का अनुरोध किया। सभापति ने शोरगुल के बीच शून्यकाल की कार्यवाही जारी रखी लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।




