Indian Killed in America: अमेरिका में भारतीय इंजीनियर की पुलिस गोलीबारी में मौत, परिवार ने मांगी विदेश मंत्रालय से मदद

कैलिफोर्निया/अमेरिका। एक भारतीय इंजीनियर की सांता क्लारा में पुलिस की गोलीबारी में मौत हो गई। मृतक का नाम मोहम्मद निजामुद्दीन था, और वह तेलंगाना के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि निजामुद्दीन का अपने रूममेट के साथ विवाद हुआ था, जिसके बाद यह दुखद घटना घटी। उनके परिवार ने विदेश मंत्रालय से उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने में सहायता की अपील की है। निजामुद्दीन ने पहले सार्वजनिक रूप से नस्लीय भेदभाव और नौकरी में अनुचित व्यवहार की शिकायत की थी।
नौकरी से निकाले जाने और नस्लीय उत्पीड़न का आरोप
मोहम्मद निजामुद्दीन ने फ्लोरिडा से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी और कैलिफोर्निया में एक कंपनी में नौकरी कर रहे थे। हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। निजामुद्दीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर एक पोस्ट में दावा किया था कि उनकी बर्खास्तगी गलत तरीके से की गई और वेतन में भी अनियमितता बरती गई। इसके अलावा, उन्होंने कार्यस्थल पर नस्लीय उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था।
पुलिस ने की गोलीबारी, रूममेट के साथ विवाद बना कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 3 सितंबर को सांता क्लारा पुलिस को एक 911 कॉल प्राप्त हुई, जिसमें चाकूबाजी की घटना की सूचना दी गई थी। पुलिस के अनुसार, जब वे मौके पर पहुंचे, तो निजामुद्दीन के हाथ में चाकू था। पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने उनकी बात नहीं मानी, जिसके बाद गोलीबारी की गई। निजामुद्दीन को चार गोलियां लगीं, जिससे उनकी मौत हो गई। घटनास्थल पर उनका रूममेट घायल अवस्था में जमीन पर पड़ा था, जिसे कई जगह चोटें आई थीं।
परिवार की गुहार, जांच की मांग
तेलंगाना की मजलिस बचाओ तहरीक के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने निजामुद्दीन के परिवार से मुलाकात की और उनके पिता मोहम्मद हसनुद्दीन व अन्य रिश्तेदारों से बात की। अमजद ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर निजामुद्दीन के शव को भारत लाने में मदद की मांग की है। साथ ही, उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग भी की है।
यह घटना न केवल निजामुद्दीन के परिवार के लिए दुखद है, बल्कि विदेश में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों की सुरक्षा और निष्पक्षता को लेकर भी सवाल खड़े करती है।