Street Dogs: कुत्ता सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि… स्ट्रीट डॉग्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जानिए क्या बोले यूपी के लोग

बुलंदशहर/वाराणसी/गाजियाबाद। उच्चतम न्यायालय के आवारा कुत्तों की नसबंदी (बंध्याकरण), टीकाकरण और उन्हें वापस उनके क्षेत्रों में छोड़ने के आदेश पर उत्तर प्रदेश में मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में छोड़ने संबंधी अपने 11 अगस्त के निर्देश में शुक्रवार को संशोधन किया और कहा कि पकड़े गए कुत्तों का बंध्याकरण व टीकाकरण किया जाए और उन्हें वापस उन्हीं क्षेत्रों में छोड़ दिया जाए, जहां से पकड़ा गया है।
बुलंदशहर के खुर्जा क्षेत्र के फराना गांव निवासी और राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी (22) की कुत्ते के एक पिल्ले के काटने से मौत हो गई थी। सोलंकी के परिवार ने उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप का स्वागत किया है। सोलंकी एक पिल्ले को नाले से निकाल रहे थे कि तभी उसने उन्हें काट लिया लेकिन खिलाड़ी ने इसे नजरअंदाज कर दिया और समय पर रेबीज रोधी टीका नहीं लगवाया, जिसके करीब दो महीने बाद संक्रमण से उनकी मौत हो गई थी।
बृजेश के भाई संदीप सोलंकी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, “हम अदालत के फैसले से सहमत हैं। आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश सराहनीय हैं। हमें उम्मीद है कि इस तरह के उपाय अन्य परिवारों को हमारी जैसी घटनाओं से बचा सकते हैं।”
गाजियाबाद की महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि नगर निगम अधिकारी आदेश का पालन सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार द्वारा निर्देश जारी होने के बाद नगर स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। न्यायालय के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।”
वाराणसी में आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी इस मामले पर प्रतिक्रिया आयी। सनातन परम्परा में काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव का वाहन श्वान (कुत्ते) को माना गया है। वाराणसी के बटुक भैरव मंदिर के महंत जितेंद्र मोहन पुरी ने कुत्तों के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “कुत्ता सिर्फ एक जानवर नहीं बल्कि सनातन परंपरा में इसे कलयुग के संरक्षक देवता भगवान भैरव का वाहन माना जाता है। हमारे मंदिर में 12 कुत्ते निवास करते हैं और शंख जैसी ध्वनि करते हुए दैनिक आरती में भी भाग लेते हैं।” पुरी ने कहा, “कुत्ते घरों और शहरों को चोरों व अन्य खतरों से बचाते हैं। वास्तव में कुत्ते व गाय प्राचीन काल से ही मानवता के साथी रहे हैं और वे सम्मान व राष्ट्रीय मान्यता के भी पात्र हैं।”
उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने 11 अगस्त को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के अधिकारियों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को ‘जल्द से जल्द’ हटाकर आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।