
शिलांग। मेघालय पुलिस ने इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की इस साल हुई हत्या के मामले में उनकी पत्नी सोनम सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रघुवंशी की इस साल मई में अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर मेघालय आने पर की गई थी।
पूर्वी खासी पवर्तीय जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक सिएम ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने शुक्रवार को सोहरा उप-संभाग के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 790 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें भौतिक साक्ष्य और अन्य दस्तावेज संलग्न हैं।
पुलिस के अनुसार, मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम सोहरा जाने से पहले 21 मई को शिलांग आए थे। उसने बताया कि 26 मई को दंपति के लापता होने की सूचना मिली, जिसके बाद सोहरा पुलिस, विशेष अभियान दल (एसओटी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पर्वतारोही समूहों और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया।
कई दिनों की गहन खोज के बाद, राजा रघुवंशी का शव दो जून को सोहरा में प्रसिद्ध वेई सावडोंग झरने के पास, उम्बलई के अरलियांग रियात कुनोन्ग्रिम में एक गहरी खाई से बरामद किया गया। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत सोहरा पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। मेघालय पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्वी खासी पर्वतीय जिला के पुलिस अधीक्षक (शहर) हर्बर्ट खारकोंगोर के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
एसआईटी जांच में खुलासा हुआ कि सोनम का राज कुशवाहा के साथ संबंध था। दोनों ने तीन भाड़े के हमलावरों के साथ मिलकर हनीमून के बहाने रघुवंशी की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि हत्या आकाश सिंह राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी ने सोनम की मौजूदगी में घाटी में की थी। जांच के एक सप्ताह के भीतर ही सोनम सहित पांच आरोपियों के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में होने की जानकारी मिली।
पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक, सोनम रघुवंशी, राज कुशवाहा, आकाश सिंह राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या), 238 (ए) (साक्ष्य मिटाना) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, बाद में तीन और आरोपियों – लोकेन्द्र तोमर, बल्ला अहिरवार और शिलोम जेम्स को साक्ष्य नष्ट करने में उनकी कथित भूमिका के लिए ग्वालियर, शाडोरा और देवास से गिरफ्तार किया गया।