Medical Scam : कोरोना काल में दिल्ली सरकार के चिकित्सा विभाग की एक बड़ी धाँधली सामने निकल कर आ रही है। दरअसल 21-22 में स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में चिकित्सा उपकरणों की खरीद की थी। लेकिन खास बात यह है कि चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति हुए बगैर ही चिकित्सा विभाग में उसका भुगतान कर दिया। ऐसे में दिल्ली सरकार के राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सतर्कता निदेशालय के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक के दौरान उपकरणों की खरीद संबंधित दस्तावेज आदि की जांच की गई, तो पता चला गया उपकरण मिले ही नहीं और भुगतान कर दिया गया है।
इस मामले में सतर्कता निदेशालय में दिल्ली स्वास्थ्य सेवा विभाग को 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण रिपोर्ट देने को कहा है। इसके साथ उपकरणों की वितरक फर्म से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। अधिकारियों का कहना यदि संतोष जनक जवाब नहीं मिला तो फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया जाएगा। फर्जीवाड़ा दस्ताने और न 95 मार्क्स की खरीद में हुई है। सतर्कता निदेशालय रैट कट की खरीदने को लेकर भी कई जानकारियां मांगी है। रैट किट के खरीद में भी बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा की बात सामने आ रही है।
4 दिसंबर 2021 को निर्माता कंपनी ने वितरण कंपनी तिरुपति मेडलाइन प्राइवेट लिमिटेड के दस्ताने दिए। इसका ई-बिल 15 दिसंबर 2021 बताया गया। वहीं दिल्ली स्वास्थ्य महानिदेशालय दस्तानों की आपूर्ति 14 दिसंबर 2021 को दर्ज की है। ऐसे में ई-बिल की तारीख और डीएचएस की तारीख में 1 दिन की गड़बड़ी है साथी व्यापार और कर विभाग से बिल के बारे में पता चला कि कुल 1.5 लाख दस्ताने चलन में थे।
N95 मास्क को लेकर और बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। इस मामले में आपूर्ति का बिल 2 दिसंबर 2021 दिखाया है। इसके चालान में उपकरण प्राप्त करने की तारीख 26 नवंबर 2021 दिखाई गई है। इस मामले में अभी तक अधिकारियों की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है।