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उत्तर प्रदेश 2027: सत्ता की नई पटकथा किसके नाम होगी?

योगी सरकार 2022–2027: उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और जनता की कसौटी

2022 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में दोबारा भारी बहुमत से सरकार बनाई। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी क्योंकि यह पहली बार था जब कोई मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ लौटा।

मुख्य उपलब्धियाँ:

  • अपराध नियंत्रण और “बुलडोजर बाबा” की सख्त प्रशासनिक छवि
  • धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को केंद्र में रखती योजनाएं (जैसे काशी कॉरिडोर, अयोध्या राम मंदिर)
  • केंद्र-राज्य समन्वय से योजनाओं का क्रियान्वयन — जैसे उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना आदि

चुनौतियाँ:

  • बेरोजगारी की समस्या
  • OBC-दलित वोट बैंक में सेंध लगने की संभावनाएं
  • किसान और शिक्षामित्र जैसे वर्गों में नाराजगी

2027 में भाजपा सरकार को अपने काम और “डबल इंजन” ब्रांडिंग के सहारे जनता की कसौटी पर फिर खरा उतरना होगा।

अखिलेश यादव: ‘PDA’ फार्मूले से सत्ता तक की तैयारी

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव अब अपने पुराने यादव-मुस्लिम समीकरण से आगे बढ़ चुके हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्गों को संगठित करने का नया फार्मूला सामने रखा है।

2024 में सपा को मिला बढ़ा हुआ समर्थन:

  • यादव, मुस्लिम के साथ-साथ कुशवाहा, मौर्य, निषाद,सैनी, शाक्य जैसे गैर-यादव OBC वर्गों का रुझान भी सपा की ओर गया
  • छोटे दलों से गठबंधन कर सपा ने सामाजिक समीकरण मजबूत किए
  • ज़मीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की पुनः सक्रियता और सोशल मीडिया पर आक्रामक अभियान

अगर यह रफ्तार बरकरार रहती है तो 2027 में अखिलेश यादव सत्ता की रेस में मज़बूत दावेदार होंगे।

राहुल गांधी और कांग्रेस: पांच सालों में बदला चेहरा

पिछले पांच वर्षों में राहुल गांधी ने अपनी सार्वजनिक छवि को “भारत जोड़ो यात्रा” और मुद्दों पर आधारित राजनीति से एक गंभीर नेता में बदलने की कोशिश की है।
2024 में कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं, और यूपी में SP-कांग्रेस गठबंधन को 43 सीटों पर सफलता मिली।

2027 में कांग्रेस की संभावनाएं:

  • मुस्लिम वोट बैंक (यूपी में कुल 19-20%) SP-कांग्रेस गठबंधन की ओर फिर मजबूती से झुका है
  • दलित वर्गों से भी कांग्रेस को सीमित लेकिन स्थिर समर्थन मिलने की उम्मीद
  • राहुल गांधी की विश्वसनीयता में सुधार से कांग्रेस को यूपी विधानसभा में कम से कम 10 सीटें मिल सकती हैं

राहुल गांधी अब “परिवारवादी” नेता नहीं, बल्कि “लोगों से जुड़ा” विपक्षी चेहरा बनने की ओर अग्रसर हैं।

बाबू सिंह कुशवाहा: OBC राजनीति में संभावित गेमचेंजर

जौनपुर से सांसद और कुशवाहा समाज के प्रमुख नेता बाबू सिंह कुशवाहा का सपा में शामिल होना सपा के लिए बड़ा राजनीतिक लाभ माना जा रहा है।

प्रभाव के क्षेत्र:

  • मध्य प्रदेश,राजस्थान,पूर्वांचल, बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र में OBC वर्ग पर प्रभाव
  • कुशवाहा, मौर्य, शाक्य, सैनी, निषाद जैसे समुदायों में पकड़
  • 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे उत्तर प्रदेश की सीटों में गठबंधन को लाभ मिला

2027 में अगर बाबू सिंह कुशवाहा क्षेत्रीय OBC समर्थन को बनाए रखते हैं, तो BJP की OBC रणनीति को बड़ा झटका लग सकता है।

गठबंधन की स्थिति (जुलाई 2025 तक की स्थिति)

सपा
कांग्रेस
माकपा
जन अधिकार पार्टी
महान दल

BJP गठबंधन:
अपना दल (S)
निषाद पार्टी
RLD
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी

2027: संभावित चुनावी समीकरण और सीट अनुमान

गठबंधन/पार्टीअनुमानित वोट प्रतिशतसंभावित सीटें (± अनुमान)
भाजपा + NDA36–38%200–230
सपा + कांग्रेस + अन्य34–37%180–210
कांग्रेस (स्वतः)6–8%8–12
बसपा + अन्य8–10%5–10

2027 में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

उत्तर प्रदेश की राजनीति अब जाति समीकरणों से आगे बढ़कर काम, छवि और गठबंधन प्रबंधन पर टिक गई है।

भाजपा का फोकस रहेगा — केंद्र-राज्य योजनाएं, हिंदुत्व और योगी-मोदी ब्रांड

विपक्ष (SP‑Congress) का फोकस रहेगा — PDA मॉडल, क्षेत्रीय नेता, और सशक्त जमीनी गठबंधन

2027 में चुनाव का निर्णय इस पर होगा:

  • कौन ज़मीनी स्तर पर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरा?
  • किसने युवा, महिलाओं और वंचित तबकों के लिए ठोस नीतियाँ दीं?
  • कौन सिर्फ प्रचार करता रहा, और कौन वाकई मौजूद रहा?

अगर विपक्ष उम्मीद और विकल्प दे सका, तो 2027 में सत्ता परिवर्तन हो सकता है।
वरना भाजपा फिर से अपनी मजबूत सांगठनिक मशीनरी से बाज़ी मार सकती है।

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