
नई दिल्लीः अयोध्या में राम मंदिर पर मंगलवार को ध्वज फहराया गया। जो पाकिस्तान पाकिस्तान को रास नहीं आया। पाकिस्तान ने भारत पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़ा किया। पाकिस्तान के इस बयान पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि हम पाकिस्तान की तरफ से आए बयान की निंदा करते हैं।
भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
MEA के स्पोक्सपर्सन रणधीर जायसवाल ने कहा कि ऐसे देश के तौर पर जिसका अपने अल्पसंख्यकों के दमन, कट्टरता और व्यवस्थित बुरे बर्ताव का गहरा दागदार रिकॉर्ड है। पाकिस्तान के पास दूसरों को लेक्चर देने का कोई नैतिक आधार नहीं है। खोखले उपदेश देने के बजाय, पाकिस्तान के लिए बेहतर होगा कि वह अपने अंदर झांके और अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान दे।
पाकिस्तान ने क्या कहा था?
विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी तब आई जब पाकिस्तान ने मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर पर झंडा फहराने पर आपत्ति जताई थी। पाकिस्तान ने दावा किया था कि यह धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते दबाव और मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश का हिस्सा है। पाकिस्तान ने भारत में मुस्लिमों को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था।
राम मंदिर के शिखर पर फहराया गया झंडा
बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराया। इसके साथ ही राम मंदिर का औपचारिक निर्माण पूरा हो गया। पीएम मोदी ने कहा कि पवित्र शहर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में झंडा फहराने की रस्म में हिस्सा लेना उनके लिए बहुत ही दिल को छू लेने वाला अनुभव रहा। मोदी ने मंगलवार को यहां राम मंदिर ध्वजारोहण को ‘युगांतकारी’ क्षण की संज्ञा देते हुए कहा कि ‘सदियों के जख्म और दर्द भर रहे हैं’ क्योंकि 500 साल पुराना संकल्प आखिरकार राम मंदिर के औपचारिक निर्माण के साथ पूरा हो रहा है। मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में कहा कि ”राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, एक मूल्य हैं, एक मर्यादा हैं।




