उत्तर प्रदेश

‘‘ज्ञानदान पूर्वजों को सच्‍ची श्रद्धांजलि है”: उमानन्द शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 449वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना सम्पन्न

गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘अर्णव पैरामेडिकल इन्‍स्‍टीट्यूट, सतरिख, बाराबंकी, उ०प्र०’’ के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 449वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्ता श्री बी०पी० सविता ने अपने सम्‍मानित पूर्वजों की स्‍मृति में भेंट किया तथा उपस्थित वरिष्‍ठ चिकित्‍सकगणों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “ज्ञानदान पूर्वजों को सच्‍ची श्रद्धांजलि है।” डॉ० नीलम गुप्‍ता ने भी अपने विचार रखे। संस्‍थान के प्रधानाचार्य श्री विशान्‍थ वी०एस० ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री उमानंद शर्मा, श्री देवेन्द्र सिंह, श्रीमती सावित्री शर्मा, डॉ० नीलम गुप्‍ता एवं संस्‍थान के निदेशक डॉ० प्रतिभा सचान, प्रबन्‍धक श्री यूनुस जमाल, विभागाध्‍यक्ष, संकाय सदस्‍य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।

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