मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु के एक व्यक्ति को अकासा एयर को बम की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है. दरअसल, शख्स की पत्नी को एयरपोर्ट पहुंचने में देरी होर ही थी, इसलिए उसने फ्लाइट लेट कराने के लिए यह हरकत की. मुंबई एयरपोर्ट पुलिस के अनुसार, 24 फरवरी की शाम को मालाड स्थित एयरलाइन के कॉल सेंटर पर एक धमकी भरा फोन आया. फोन करने वाले ने दावा किया कि मुंबई से बेंगलुरु शाम 6:40 बजे रवाना होने वाली फ्लाइट नंबर QP 1376 में बम है.
167 यात्रियों को ले जा रही फ्लाइट टेक-ऑफ के लिए तैयार थी. तभी एयरलाइन के अधिकारियों ने तुरंत धमकी के बारे में अधिकारियों को सूचित किया. कैप्टन ने हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) को सूचित किया. हवाई अड्डा पुलिस, स्थानीय अपराध शाखा, आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और बम निरोधक दस्ते के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे. सभी यात्रियों को विमान से बाहर निकाला गया और विमान और उनके सामान की गहन जांच की गई. हालांकि, कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली और धमकी भरा फोन झूठा पाया गया. आखिरकार, काफी देरी के बाद विमान आधी रात को बेंगलुरु के लिए रवाना हुआ. इस घटना के बाद, एयरलाइन की तरफ से नाइलेश घोंगडे ने हवाई अड्डे के पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया. इसके बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और आरोपी पर गुमनाम धमकी देने का आरोप लगाया. इंस्पेक्टर मनोज माने और सब-इंस्पेक्टर स्वप्निल दलवी ने जांच शुरू की.
जांच के दौरान, माने, दलवी और उनकी टीम ने धमकी देने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर का पता लगाया, जिससे उन्हें बेंगलुरु के रहने वाले विलास बाडे तक पहुंचा दिया. बाडे को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद, उसने फोन करने की बात कबूल कर ली. बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में कार्यरत बाडे ने बताया कि उसकी पत्नी एक इंटीरियर डिजाइनर है. वह काम के सिलसिले में एक ग्राहक से मिलने के लिए मुंबई गई थी.
वहां से उसे बेंगलुरु वापस लौटना था. लेकिन वो एयरपोर्ट पहुंचने में लेट हो गई. उसने पति विलास को इस बारे में बताया. विलास नहीं चाहता था कि उसकी पत्नी की फ्लाइट छूटे. उसने फिर फ्लाइट को लेट करने के लिए प्लान बनाया. फोन करने एयरलाइन को बम से उड़ाने की धमकी दी. कहा कि फ्लाइट के अंदर बम है. वह फ्लाइट को उड़ा देगा. उसने ऐसा इसलिए कहा ताकि फ्लाइट उड़ान न भर सके. लेकिन ऐसा करना उसे भारी पड़ गया. विलास बाडे को शनिवार के दिन गिरफ्तार कर लिया गया. फिर दो दिन हिरासत में रखने के बाद मंगलवार को उसे जमानत दे दी गई.
उधर, फ्लाइट में देरी के बावजूद, एयरलाइन ने विलास बाडे की पत्नी को विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी. हालांकि, उसे दूसरी फ्लाइट में समायोजित करने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई. लेकिन एक झूठ के कारण विलास बाडे को अब एक आपराधिक मामले का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उसे दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल की कैद की सजा हो सकती है.