देश

जनसंख्या नियंत्रण के लिए क्या चीन जैसी पॉलिसी की तरफ भारत का बढ़ना सही होगा?

अगर आप तीन बच्चों के पिता या मां है। तो राजस्थान में सरकारी नौकरी भूल जाइए दो से ज्यादा बच्चे का मतलब सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य राज्य सरकार के इस नियम को सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है। कि यदि हम ना तो किसी के साथ भेदभाव करता है, ना ही संविधान का उल्लंघन करता है कोर्ट के साथ ही यह भी साफ किया, कि इस प्रावधान के पीछे का मकसद परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है। सुप्रीम कोर्ट के पास या मामला पहुंचा कैसे इस तरह के नियम की जरूरत क्यों पड़ी कितना सही गलत है, कितना सही जानेंगे।

दरअसल, बात 2017 की है। डिफेंस सर्विसेज से रामलाल जाट के व्यक्ति इसी साल रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अगले साल 2018 में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पोस्ट पर आवेदन किया। लेकिन उनकी उम्मीदवारी पर मोहर नहीं लगी खारिज करने का आधार बताया गया एक कानून जिसका नाम है। राजस्थान पुलिस सबोर्डिनेट सर्विस रूल 1989 हिंदी तजुर्मा राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989।

कौन से राज्य इस नियम पर चलते हैं?

पहले तो आप जान लीजिए कि यह पहला ऐसा मामला नहीं और ना ही राजस्थान पहला राज्य है कई राज्य इसका पालन करते हैं। कई लोगों को नौकरियां से निकल गया तो किसी नियुक्ति रुक गई। मध्य प्रदेश तेलंगाना और आंध्र प्रदेश गुजरात उत्तराखंड कर्नाटक महाराष्ट्र जैसे प्रदेश में लागू होता है।

चीन और भारत की पॉलिसी में क्या है अंतर?

आज के जमाने में हम बोलते हैं। कि भारत आबादी की दृष्टि से चीन को पीछे छोड़ देगा। इसलिए जब भी जनसंख्या की बात होती है तो हमेशा चीन से मुकाबला किया जाता है। बिना यह देखें कि चीन हमसे साइज में सवा तीन गुना से ज्यादा बड़ा है। 1970 के दशक में भारत में जब फैमिली प्रोग्राम शुरू किया गया। तो चीन ने 1979 टू चाइल्ड पॉलिसी लागू किया यानी 70 के दशक में दुनिया के दो सबसे बड़े देशों ने पापुलेशन कंट्रोल की तरफ बढ़ना शुरू किया।

उसे समय लगभग 36 से 37वीं साड़ी दुनिया की आबादी दो देशों में रहती थी। जो की एक बहुत बड़ा मार्केट पूरे विकसित देशों के लिए था। लिहाजा जरूरी हो गया था, कि इन दो देशों में स्थिरता बना कर रखना कई कम्युनिटी आप बैठी लेकिन साथ में तय किया गया। कि बच्चे पैदा करना स्वच्छ किया जाए लेकिन चीन ने शक्ति दिखाई एक बच्चा पैदा करने अनिवार्य कर दिया इसकी काफी आलोचना भी हुई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button