उत्तर प्रदेश

‘2630 का बिजली मीटर 6016 में लगा रही कंपनिया… उपभोक्ता परिषद का दावा, यूपी में करोड़ो का स्मार्ट मीटर घोटाला

राज्य में नए कनेक्शनों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की अनिवार्यता को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मीटरों की खरीद लागत और उपभोक्ताओं से वसूले जा रहे दामों में भारी अंतर सामने आने के बाद राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए नियामक आयोग में लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल किया है।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पश्चिमांचल और मध्यांचल में टेंडर पाने वाली कंपनी इंटैली स्मार्ट जिन कंपनियों से मीटर खरीद रही है, उनसे सिंगल-फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर 2630 से 2825 रुपये प्रति मीटर की दर पर मिले रहे है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं से 6016 रुपये प्रति मीटर वसूले जा रहे हैं।

परिषद अध्यक्ष ने केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत मीटर खरीद में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि मीटरों की वास्तविक खरीद कीमत 2630–2825 रुपये है, लेकिन कंपनी को टेंडर 8415 रुपये प्रति मीटर की दर से दिया गया है। इसके साथ ही मीटर लगाने की अतिरिक्त लागत अधिकतम 1300 रुपये प्रति मीटर हो सकती है। इसके बावजूद इतनी ऊंची दरों पर मीटर खरीद का टेंडर जारी किया जाना बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

केंद्र सरकार ने पूरे प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर परियोजना की लागत 18,885 करोड़ रुपये आंकी थी, लेकिन मनमानी दरों के चलते यह लागत बढ़कर 27,342 करोड़ रुपये हो गई है। परिषद ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग को स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लागत 7,000 से 9,000 रुपये बताई, जो गंभीर वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा कर रही है।

परिषद ने पूरे मामले की सीबीआई या अन्य उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है। साथ ही उपभोक्ताओं से वसूले जा रहे 6016 रुपये प्रति मीटर शुल्क को तत्काल रोकने और वास्तविक लागत के बाद बची राशि उपभोक्ताओं को लौटाने की मांग नियामक आयोग से की है।

इन कंपनियों से की जा रही मीटर की खरीद

एप्पल टोन इंजीनियर्स लिमिटेड – सिंगल-फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर- 2630 रुपये

सानायीडर –सिंगल-फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर- 2825 रुपये

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