
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने और भूस्खलन की वजह से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। बुधवार को राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई, जिसमें एक शव बरामद हुआ और 150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। हालांकि, बारिश और भूस्खलन की वजह से बचाव कार्यों में भारी मुश्किलें आ रही हैं। 28 केरलवासियों के एक ग्रुप सहित करीब 50 लोग अभी भी लापता हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ग्रुप उत्तरकाशी से गंगोत्री जा रहा था और इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है।
मलबे से बरामद शव की पहचान हुई
उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया कि बरामद शव की पहचान 35 वर्षीय आकाश पंवार के रूप में हुई है। मंगलवार को बादल फटने के बाद तेज बहाव में धराली गांव का आधा हिस्सा मलबे, कीचड़ और पानी में बह गया। गांव में कई घर, होटल और गाड़ियां तबाह हो गईं। 28 केरलवासियों का एक ग्रुप, जो उत्तरकाशी से गंगोत्री जा रहा था, भी लापता है। एक रिश्तेदार ने बताया, ‘वे सुबह 8:30 बजे गंगोत्री के लिए निकले थे। उसी रास्ते पर भूस्खलन हुआ और तब से उनका कोई अता-पता नहीं है।’
बचाव कार्यों पर खराब मौसम ने डाला असर
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मोहसिन शाहेदी ने बताया कि NDRF की 3 टीमें धराली के लिए रवाना हुईं, लेकिन लगातार भूस्खलन की वजह से ऋषिकेश-उत्तरकाशी हाईवे बंद है। 2 टीमें देहरादून से हेलिकॉप्टर के जरिए भेजी जानी थीं, लेकिन खराब मौसम ने इसे नामुमकिन कर दिया। सेना, ITBP और SDRF की टीमें मौके पर राहत कार्य में जुटी हैं। गंगोत्री नेशनल हाईवे कई जगहों पर बंद है और गंगनानी में लिमच्छा नदी पर बना एक पुल भी बाढ़ में बह गया।
हर दूध मेला के मौके पर जमा थे लोग
हर्षिल के पास सेना के 11 जवान भी लापता हैं। फिर भी 14 राजस्थान राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन 150 सैनिकों की टीम के साथ राहत कार्य में जुटे हैं। डिफेंस प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमारी टीम पूरे हौसले के साथ काम कर रही है।’ भारतीय सेना ने MI-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर तैयार रखे हैं, जो मौसम साफ होते ही उड़ान भरेंगे। बता दें कि धराली, गंगोत्री के रास्ते में एक प्रमुख पड़ाव है, जहां हर दूध मेला चल रहा था। इस दौरान कई लोग वहां जमा थे।
‘हमारा होटल और घर सब बह गया’
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, ‘मेरे भाई, उनकी पत्नी और बेटे से दोपहर 2 बजे के बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ। हमारा होटल और घर सब बह गया। सीएम ने भरोसा दिया है कि मौसम ठीक होने पर हेलिकॉप्टर से तलाश शुरू होगी।’ बता दें कि उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी, हरिद्वार में बाणगंगा और देवप्रयाग में भागीरथी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर रेंज में भूस्खलन की वजह से हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून रेल मार्ग भी बंद है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है। (PTI)