उत्तर प्रदेशबड़ी खबर

समिट बिलिडिंग में मारपीट-फायरिंग,थानेदार-चौकी प्रभारी सस्पेंड

वायरल होकर वीडियो कमिश्नर तक पहुंचा

लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट के विभूति खंड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह और समिट बिल्डिंग चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर सूर्यसेन कुमार सिंह सस्पेंड कर दिए गए। समिट बिल्डिंग स्थित बार में हुए मारपीट के दो मामलों में लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई हुई है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।

48 घंटे के भीतर दो अलग-अलग बार-क्लब से हिंसा और गोलीबारी के मामले सामने आए हैं। मामले की पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सिंगर ने एसीपी विभूति खंड को जांच सौंपी थी। जांच में पाया गया कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह और सब इंस्पेक्टर सूर्यसेन कुमार सिंह ने इन गंभीर मामलों में कोई ठोस और सार्थक कार्रवाई नहीं की। इस रिपोर्ट के आधार पर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

विभूति खंड थाने की कमान हसनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक अमर सिंह को सौंपी गई। पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया है कि अपराध और कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभूतिखंड स्थित समिट बिल्डिंग में कई बार और क्लब हैं। यहां देर रात पार्टी कल्चर की आड़ में अपराध का खेल लगातार बढ़ रहा है। 48 घंटे के भीतर दो अलग-अलग बार-क्लब से हिंसा और गोलीबारी के मामले सामने आए हैं। एक केस में पार्टी कर लौट रहे युवक पर नशे में धुत बदमाशों ने गोली चला दी।

दूसरे मामले में पब्लिक रिलेशन मैनेजर पर बार से लौटते वक्त हमला कर पिस्टल से सिर फोड़ दिया गया। दोनों मुकदमे विभूति खंड थाने में दर्ज हुए हैं। पुलिस कमिश्नर इन दोनों मुकदमों की जांच में लापरवाही को देखते हुए समिट चौकी प्रभारी और इंस्पेक्टर विभूति खंड को निलंबित कर दिया है। रौनक सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह 30 अगस्त की रात करीब 1:30 बजे दोस्तों के साथ टिकल पिंक क्लब गया था। वहां पहले से मौजूद शिव और कैफ अपने साथियों के साथ शराब के नशे में गाली-गलौज कर रहे थे। जब रौनक ने विरोध किया तो आरोपियों ने 4-5 साथियों के साथ मिलकर मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के बाद जब रौनक बाहर निकला तो बदमाशों ने उस पर जान से मारने की नीयत से गोली चला दी और धमकी देकर फरार हो गए।

पीड़ित ने यह भी बताया कि पूरी वारदात क्लब के सीसीटीवी कैमरे में कैद है। 13 अगस्त को द हाइप रूम बार में हुए हंगामे की वजह से पीआर मैनेजर मो. हम्जा खान पर बदला लेने की वारदात हुई। उनकी तहरीर के मुताबिक, अजीत पांडेय, प्रथम शर्मा, सौरभ शुक्ला और राज बार में आए और झगड़ा किया। 29/30 अगस्त की रात आरोपियों ने हम्जा को बाहर निकलते वक्त घेर लिया।साइबर हाइट्स के पास हमलावरों ने गाड़ी रोकी, पिस्टल से शीशा तोड़ा और जानलेवा हमला कर दिया। पिस्टल की बट से सिर पर वार कर दिया गया, जिससे हम्जा लहूलुहान होकर बेहोश हो गए। हमलावर उन्हें मरा समझकर भाग निकले।

दोनों मामलों में पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की। पहले केस में गोली चलने के बावजूद तत्काल गिरफ्तारी नहीं हुई। दूसरे केस में 13 अगस्त की शिकायत को हल्के में लिया गया, जिसका नतीजा यह निकला कि 29/30 अगस्त को बड़ा हमला हो गया। निलंबित दोनों अधिकारियों के खिलाफ विस्तृत विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। पुलिस कमिश्नर ने कहा- थानों और चौकियों पर बैठे अधिकारियों की पहली जिम्मेदारी अपराध पर सख्ती से नियंत्रण करना है, इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button