‘एक राष्ट एक चुनाव’ से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और चुनावी खर्च कम होंगे: सुनील बंसल

- आईएमएस गाजियाबाद यूनिवर्सिटी कोर्सेज कैंपस में हुआ वन नेशन -वन इलेक्शन, विशाल सम्मलेन का आयोजन
गाजियाबाद। आईएमएस गाजियाबाद यूनिवर्सिटी कोर्सेज कैंपस में विशाल सम्मलेन वन नेशन -वन इलेक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में चुनाव सुधार, लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती तथा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और चुनावी खर्च कम होंगे।
इससे पूर्व शनिवार को कार्यक्रम का शुभारम्भ सुनील बंसल, आईएमएस गाजियाबाद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल, नितिन अग्रवाल मैनेजमेंट ट्रस्टी आईएमएस गाजियाबाद ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस एवं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम में आईएमएस गाजियाबाद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सभी संस्थानों के छात्र- छात्राएं एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव’ मॉडल चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा और बार-बार होने वाले चुनावों से होने वाले व्यवधानों को कम करके भारत के विकास और समृद्धि को बढ़ावा देगा। इससे एक अधिक स्थिर और केंद्रित सरकार के साथ, सामाजिक कल्याण की पहल और सुधारों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है, जिससे सामाजिक प्रगति हो सकती है।
उन्होंने कहा कि जहां 2019 के आम चुनाव में लगभग 55,000 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं 2024 के लोकसभा चुनावों का खर्च लगभग 1.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि प्रति वोट औसतन खर्चा लगभग 1,400 रुपये हैं। देश में बार-बार होने वाले चुनावों में 4.7 लाख करोड़ रुपये का खर्च आता है।
सुनील बंसल ने कहा कि एक चुनाव से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और अप्रत्याशित चुनावी खर्च कम होंगे। इस उपाय से होने वाली बचत भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 1.5 प्रतिशत के बराबर होगी। इसके अलावा, चुनावों के दौरान आचार संहिता के लगातार लागू रहने से नीति-निर्माण में बाधा आती है और विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर पड़ता है। अत: यदि हमें अपने देश को विकास की ओर ले जाना है तो एक राष्ट्र -एक चुनाव के बारे में गंभीरता से सोचना होगा।
सम्मलेन के दौरान आईएमएस गाजियाबाद ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के जनरल सेक्रेटरी सीए (डॉ.) राकेश छारिया, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव कौंसिल मेंबर डॉ प्रमोद अग्रवाल, संस्थान की निदेशक प्रो.(डॉ.) जसकिरण कौर एवं डा. प्रसून एम त्रिपाठी (निदेशक आईएमएस लाल कुआं कैंपस) भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित जन का धन्यवाद कर किया गया।