
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और उसके आसपास के इलाकों में मंगलवार को बादल फटने और रात भर हुई भारी बारिश से भीषण तबाही मची जिसमें कम से कम पांच लोग बह गए और 500 से अधिक लोग विभिन्न स्थानों पर फंस गए। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला आपदा से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। बारिश के बाद ज़्यादातर नदियां उफान पर हैं। जानकारी के मुताबिक आठ लोगों की मौत हो गई है और कई लोग लापता हैं।
मंगलवार की सुबह उत्तराखंड में आए जल प्रलय के बीच आसन नदी में बड़ा हादसा हो गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार लगभग 10 से 12 लोग तेज बहाव में फंस गए। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया। करीब चार से पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद राहत दल ने दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, जबकि आठ लोगों के शव बरामद किए गए हैं। अभी भी कुछ लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है, जिनकी तलाश जारी है।
मौसम विभाग ने भारी बारिश का जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा जारी मौसम चेतावनी अगले 5 दिनों (16 सितम्बर से 20 सितम्बर 2025) के दौरान उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा, गर्जन-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने तथा तेज से अति तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। विशेषकर देहरादून , चम्पावत,नैनीताल, चमोली, बागेश्वर पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर जिलों के लिए सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। कृपया सुरक्षित रहें, नदियों-नालों के पास जाने से बचें और पुलिस प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
सभी नदियों का जलस्तर खतरे के करीब
तमसा नदी जिसके किनारे प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर स्थित है, खतरे के निशान के बहुत करीब बह रही है। गंगा और यमुना भी चेतावनी स्तर के करीब बह रही हैं। सुबह तमसा नदी तेज़ी से उफान पर आ गई, जिससे टपकेश्वर मंदिर पूरी तरह डूब गया और प्रवेश द्वार के पास स्थित विशाल हनुमान प्रतिमा कंधों तक डूब गई। मंदिर के पुजारी बिपिन जोशी ने बताया कि उन्होंने पिछले 25-30 सालों में नदी का पानी इतना ऊपर बहते नहीं देखा। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से सुबह के समय जब बाढ़ आई, उस समय मंदिर परिसर में बहुत कम श्रद्धालु थे। उन्होंने कहा कि मंदिर में रहने वाले पुजारी सुरक्षित हैं।
सीएम धामी ने कही ये बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा, ‘‘ भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं। 25 से 30 स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं और संपर्क मार्ग कट गए हैं। मकान और सरकारी संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। राहत टीम युद्धस्तर पर काम कर रही हैं ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।’’





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