
नोएडा। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के अपर सत्र न्यायाधीश एवं त्वरित न्यायालय द्वितीय की अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में आईआईटी-जोधपुर के सहायक प्रोफेसर को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने उसके ऊपर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि यह मामला जून 2019 का है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी विवेक विजयवर्गीय राजस्थान के कोटा का रहने वाला है और वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-जोधपुर में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात था। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि आरोपी विवेक विजयवर्गीय को वह वर्ष 2000 से जानती थी। वर्ष 2011 में पीड़िता ने विजयवर्गीय के साथ आईआईटी-जोधपुर में लगभग तीन महीने तक साथ में काम किया था। पीड़िता के अनुसार पांच जून 2019 की शाम को विवेक ने उसे फोन करके बताया कि वह किसी काम से नोएडा आया हुआ है और उसे नौकरी पर चर्चा करने के लिए एक कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया।
पीड़िता का आरोप है कि विवेक ने उसे नौकरी का झांसा देकर नोएडा के एक गेस्ट हाउस में उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला के अनुसार उसने घटना की जानकारी पुलिस को दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तथा उसके खिलाफ 25 सितंबर 2019 को पुलिस ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।
उन्होंने बताया कि इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एवं त्वरित न्यायालय द्वितीय की अदालत में चल रही थी। अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह सुनने के बाद सोमवार की शाम को आरोपी विजय को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कारावास और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।




