खस्ताहाल मशीनों से होगा यातायात व्यवस्था में सुधार, नो पार्किंग जोन से वाहन उठाने वाली क्रेनों में गोलमाल कर रहा ठेकेदार

लखनऊ। शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए नगर निगम ने नो पार्किंग एरिया में खड़े वाहन उठाने ठेका दिया है। टेंडर की शर्तों के अनुसार ठेकेदारों को प्रत्येक जोन में दो नई क्रेन लगानी हैं। किंतु ठेकेदार पुरानी क्रेनों की रंगाई पुताई कर मैदान में उतारने की तैयारी में है। इन क्रेनों में दूसरे जिलों के वाहनों का नंबर डाला जा रहा है। एक क्रेन पर तो हरदोई में पंजीकृत भार वाहन का नंबर डाला गया है। वाहन जब्त करने का काम इसी महीने से शुरू होना है।
नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों को उठाने का ठेका नगर निगम के आरआर विभाग ने आगरा की फर्म को दिया है। वाहन उठाने का कार्य यातायात पुलिस की देखरेख में किया जाएगा। टेंडर की शर्तों के मुताबिक ठेकेदार को प्रत्येक जोन में दो-दो नई क्रेनें लगानी हैं। इनमें एक क्रेन छोटी और एक बड़ी होगी।
इन्हीं क्रेनों से नो पार्किंग जोन में खड़े वाहन लिफ्ट कर निर्धारित स्थलों पर ले जाए जाएंगे। जब्त वाहनों को जुर्माना देकर छोड़ा जाएगा। जुर्माने की आधी राशि नगर निगम और आधी ठेकेदार को मिलना तय हुआ है। किंतु ठेकेदार क्रेनें लगने में बेईमानी कर रहा है। निराला नगर में सड़क पुरानी और खस्ताहाल क्रेन की रंगाई पुताई कर नया रूप दिया जा रहा है। इन क्रेनों पर आसपास जिलों के आरटीओ से जारी वाहनों के नंबर डाले जा रहे हैं।
एक क्रेन पर हरदोई की बाइक का नंबर
निराला नगर में रंगाई पोताई कर तैयार पुरानी क्रेनों में हरदोई, उन्नाव और सुल्तानपुर जिलों के एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत वाहनों के नंबर डाले जा रहे हैं। एक क्रेन पर यूपी 35 टी 2235 (उन्नाव), दूसरी पर यूपी 30 ए 7134 (हरदोई) और तीसरी पर यूपी 44 टी 4079 (सुल्तानपुर) का नंबर डाला गया है। अन्य क्रेनों पर भी पुराने नंबर डाले जा रहे हैं। यूपी 30 ए 7134 नंबर को मोबाइल एप पर सर्च किया या तो ये नंबर हरदोई एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत दिव्यांगों की तीन पहिया बाइक का निकला।
किस वाहन पर कितना जुर्माना
चार पहिया हैवी वाहन 2,000 रुपये
कार, जीप जैसे वाहन 1500
ई रिक्शा 400
2 पहिया वाहन 300 रुपये
मुख्य अभियंता आरआर, लखनऊ नगर निगम मनोज प्रभात ने बताया कि यदि फर्म द्वारा पुरानी क्रेन को नया बनाया जा रहा है और उन पर गलत नंबर डाले जा रहे हैं इसकी जानकारी करके कार्रवाई की जाएगी। इसे टेंडर की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा।