सीएम योगी ने किया परिवहन विभाग की विभिन्न सेवाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में परिवहन विभाग की विभिन्न सेवाओं का शुभारंभ और डिजिटल लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने विभाग को बधाई देते हुए कहा कि परिवहन विभाग प्रदेश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा माध्यम है और इसे विकसित भारत की परिकल्पना का सारथी बनना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के पास देश में सबसे बड़ा बेड़ा है। इतनी बड़ी संख्या में सेवाएं देना अपने आप में एक उपलब्धि है, लेकिन इसके साथ ही चुनौतियां भी कम नहीं हैं। उन्होंने रक्षाबंधन पर बहनों को तीन दिनों तक मुफ्त बस यात्रा उपलब्ध कराने की पहल को सराहनीय बताया और कहा कि विभाग भविष्य में इस तरह की सेवाओं का प्रचार-प्रसार और प्रभावी तरीके से करे।
समय की रफ्तार से कदम मिलाना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, समाज या राष्ट्र यदि समय की गति से पीछे जाता है तो हमेशा के लिए पीछे रह जाता है। लेकिन यदि वह समय की गति से दो कदम आगे चलने की क्षमता रखता है, तो विजयश्री का ध्वज फहराता है। उन्होंने परिवहन विभाग से अल्पकालिक (3 वर्ष), मध्यम अवधि (10 वर्ष) और दीर्घकालिक (22 वर्ष) योजनाएं तैयार करने का आह्वान किया। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि फाइल को लटकाने की आदत बंद करनी पड़ेगी। जनसुनवाई को तेजी से आगे बढ़ाना पड़ेगा। विभाग में टीम वर्क को और सशक्त बनाना पड़ेगा तो परिणाम आने में देर नहीं लगेगी।
संकट काल में भी परिवहन विभाग रहा भरोसेमंद साथी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परिवहन विभाग ने समय-समय पर अपनी सेवाओं से मिसाल पेश की है। 2019 के प्रयागराज कुंभ और 2020 की वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब करोड़ों कामगार और श्रमिक अपने-अपने राज्यों और गांवों की ओर लौट रहे थे, तब विभाग ने उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड तक प्रवासियों को सुरक्षित पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इसी वर्ष आयोजित प्रयागराज महाकुंभ में भी विभाग ने रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों पर उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करते हुए करोड़ों श्रद्धालुओं को सुरक्षित ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर संकट की घड़ी में परिवहन विभाग ने समय का सच्चा साथी बनकर प्रदेश और समाज की सेवा की है।
सड़क सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क सुरक्षा प्रदेश के लिए एक गंभीर चुनौती है। कोरोना काल के तीन वर्षों में जितनी जानें नहीं गईं, उससे अधिक लोग हर साल सड़क हादसों में मारे जाते हैं। इनमें अधिकतर युवा होते हैं, जिससे परिवार उजड़ जाते हैं। यह समाज और सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। यदि किसी यात्री की जान बचती है तो यह विभाग की सकारात्मक छवि बनाता है, लेकिन लापरवाही से जान जाने पर न केवल विभाग की बदनामी होती है, बल्कि आर्थिक क्षति भी होती है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बस चालकों का नियमित मेडिकल और फिजिकल फिटनेस टेस्ट हर तीन महीने में अनिवार्य रूप से कराया जाए। विशेष रूप से आंखों की जांच जरूरी है ताकि दृष्टि दोष के कारण दुर्घटनाएं न हों। उन्होंने कहा कि सड़क पर अंदाजे से गाड़ी चलाने की छूट नहीं दी जा सकती।
जागरूकता और समन्वय से ही समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाना होगा। इसके लिए IIT खड़गपुर जैसी संस्थाओं की तकनीकी मदद, पुलिस और अन्य विभागों का समन्वय, साथ ही स्कूलों में ट्रैफिक नियमों पर शिक्षा जरूरी है। उन्होंने हेलमेट, सीट बेल्ट, नशे में ड्राइविंग, ओवरस्पीडिंग जैसी स्थितियों पर कड़े नियम लागू करने और मीडिया—डिजिटल, प्रिंट, सोशल व विजुअल—के माध्यम से प्रचार-प्रसार बढ़ाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून कभी-कभी कठोर लगता है, लेकिन यही कानून अंततः आपकी सुरक्षा और जीवन की गारंटी है।
प्रकृति के अनुरूप विकास और सड़क सुरक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार या विभाग की नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग गांव-शहर, युवा-बुजुर्ग, महिला-पुरुष—की साझा जिम्मेदारी है। जब सभी लोग इसमें जुड़ेंगे तो सड़क हादसों को न्यूनतम स्तर तक लाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विकसित एक ऐप के जरिए अत्यधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों की पहचान की गई, जिससे कई स्थानों पर हादसों की संख्या घटकर महीने में 18 से घटकर 3 तक हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के साथ-साथ हमें प्रकृति के अनुरूप विकास करना होगा। प्रधानमंत्री के नेट ज़ीरो एमिशन लक्ष्य को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल महत्वपूर्ण माध्यम हैं। परिवहन और नगर विकास विभाग गांव-गांव कनेक्टिविटी और बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए न सिर्फ प्रदूषण कम कर सकते हैं, बल्कि 3 लाख तक नए रोजगार भी सृजित कर सकते हैं।
आधुनिक बस स्टेशन, इलेक्ट्रिक बसें और स्क्रैपिंग नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परिवहन विभाग को समय की मांग के अनुसार अपनी सेवाओं को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना होगा। बस स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस हों, बसें सड़कों पर अव्यवस्थित खड़ी न रहें और यात्रियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित माहौल मिले—इसके लिए ठोस प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बस सेवा से पर्यावरण संरक्षण के साथ बेहतर यात्रा अनुभव भी संभव है। चार्जिंग स्टेशनों के लिए निजी क्षेत्र को जोड़ा जा सकता है। साथ ही, पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग को बढ़ावा देना होगा ताकि प्रदूषण और सड़क हादसों का खतरा कम हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स को और सुदृढ़ किया जाए और विभाग जवाबदेही के साथ काम करे। प्रयागराज महाकुंभ जैसे आयोजनों में भी परिवहन विभाग ने लाखों यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाकर अपनी क्षमता साबित की है। अब जरूरत है कि शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म प्लानिंग के जरिए विभाग प्रदेश के विकास का सारथी बने।
You explained it in such a relatable way. Well done!
Posts like this are why I keep coming back. It’s rare to find content that’s simple, practical, and not full of fluff.
I enjoyed your perspective on this topic. Looking forward to more content.
What a helpful and well-structured post. Thanks a lot!
I always look forward to your posts. Keep it coming!