शहरी विकास पर मुख्यमंत्री योगी का जोर : ‘नवाचार और आय सृजन ही बनाएंगे नगर निकाय आत्मनिर्भर’

लखनऊ। विकसित यूपी@2047 संवाद कार्यक्रम का माहौल उत्साह और आत्मविश्वास से भरा रहा। नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने-अपने नगर में हुए बदलाव और विकास की कहानियाँ साझा कीं। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से न केवल उनके प्रयासों को सुना बल्कि उनसे यह भी पूछा कि उन्होंने अपने नगरों में कौन से नवाचार अपनाए हैं और आय सृजन के लिए क्या नए माध्यम खोजे हैं। उन्होंने कहा कि यही प्रयास भविष्य के आत्मनिर्भर और आधुनिक उत्तर प्रदेश की नींव बनेंगे।
अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कर-करेत्तर आय में अभूतपूर्व वृद्धि का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु और पर्यटक नगर में आते हैं और निगम उन्हें स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना की चर्चा करते हुए सुझाव दिया कि अयोध्या नगर निगम महापौरों का सम्मेलन आयोजित करे, ताकि यहाँ का विकास मॉडल अन्य निकायों को भी मार्गदर्शन दे। इसी क्रम में फिरोजाबाद की महापौर कामिनी राठौर ने बताया कि नगर निगम की आय 18 करोड़ से बढ़कर 40 करोड़ वार्षिक हो गई है और निगम द्वारा बनाया जा रहा मॉल स्थायी आय बढ़ाने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने इसे सराहनीय प्रयास बताते हुए पूरी कार्यकारिणी को बधाई दी।
झांसी के महापौर बिहारी लाल आर्य ने कहा कि बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, डिफेंस कॉरिडोर नोड और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसे प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के विशेष स्नेह का परिणाम हैं। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में झांसी की राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान की उपलब्धि, ठोस व तरल अपशिष्ट निस्तारण के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि निगम की आय तीन वर्षों में 25 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है और इसे 100 करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
गाजियाबाद के मोदीनगर नगर पालिका अध्यक्ष विनोद वैशाली जाटव ने स्थानीय आय वृद्धि और खाली भूमि के सदुपयोग पर सुझाव रखते हुए मार्गदर्शन माँगा। वहीं, मीरजापुर के अध्यक्ष श्याम सुंदर ने बताया कि नगर पालिका की आय 5.89 करोड़ से बढ़कर 11 करोड़ हो गई है और यहाँ डिजिटल सेवाओं के साथ नागरिकों को मुफ्त वाई-फाई भी उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने यहाँ माँ विंध्यवासिनी धाम के पास मल्टीलेवल पार्किंग और यात्री विश्राम स्थल के निर्माण का सुझाव दिया। देवरिया की अध्यक्ष अलका सिंह ने स्थानीय विकास कार्यों का ब्यौरा दिया, जिस पर मुख्यमंत्री ने खाली भूमि पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसी तरह सुल्तानपुर के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जिला मुख्यालय वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने जा रही है।
मेरठ की फलौदा नगर पंचायत के अध्यक्ष अशोक सैनी ने बताया कि नगर पंचायत की आय 20 लाख से बढ़कर 44 लाख हो गई है। मुख्यमंत्री ने तकनीक और नवाचार आधारित योजनाएँ अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार नगर पालिका और नगर पंचायतों को भवन मानचित्र पास करने का अधिकार देने पर विचार कर रही है। इस दौरान मथुरा की महावन नगर पंचायत की अध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि 10 हजार की आबादी वाली उनकी नगर पंचायत भी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकसित यूपी अभियान का हिस्सा बन गर्व महसूस कर रही है।
प्रयागराज के महापौर उमेश गणेश केसरवानी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर आईटी सिटी के विकास का संकल्प पारित किया गया है। उन्होंने 2.19 लाख पौधे लगाकर नया वन क्षेत्र सृजित करने और ‘नए प्रयागराज’ के निर्माण के प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में शिवालिक पार्क जैसे और हरित प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। संभल की बबराला नगर पंचायत के अध्यक्ष हर्षवर्धन वार्ष्णेय और सहारनपुर की रामपुर मनिहारन नगर पंचायत की अध्यक्ष रेनू ने भी अपने क्षेत्रों के बदलाव साझा किए। शाहजहाँपुर की पुवायां नगर पंचायत के अध्यक्ष ने बताया कि नगर में नया मार्केट बनाया जा रहा है, जिससे आय सृजन का स्थायी माध्यम तैयार होगा। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यही विकसित यूपी@2047 की भावना है कि हर नगर निकाय अपनी विशिष्टताओं और संसाधनों का सदुपयोग कर आत्मनिर्भरता और नागरिक सुविधा की दिशा में आगे बढ़े।