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संभल में बाबर के दमन, डेमोग्राफिक बदलाव, दंगे और आतंकी नेटवर्क, न्यायिक आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपी 450 पन्ने की रिपोर्ट

पश्चिमी यूपी के संभल में पिछले साल हुई हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर 450 पन्ने की रिपोर्ट सौंपी। इसमें जर्रे-जर्रे पर विदेशी आक्रांता बाबर के दमन के निशान से लेकर डेमोग्राफिक बदलाव, दंगे और आतंकी नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया गया है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सरकार आगे के एक्शन पर योजना बनाएगी।

संभल की मस्जिद में सर्वे करने के दौरान 24 नवंबर 2024 को हिंसा के बाद जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष समेत दोनों सदस्य रिटायर्ड आईपीएस पूर्व डीजीपी अरविन्द कुमार जैन और वरिष्ठ आईएएस अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मिलकर लाल जिल्द में 450 पन्ने की जांच रिपोर्ट पार्ट-एक और दो सौंपी। इस रिपोर्ट को तैयार करने में बतौर सलाहकार पूर्व जिला जज ब्रजेश कुमार भी जुड़े हैं। रिपोर्ट में बाबर के दमन के साक्ष्य के साथ डेमोग्राफिक बदलाव, दंगे और आतंकी नेटवर्क पर बड़ा खुलासा किया गया है। संलभल जिले को लेकर कई गंभीर और चौंकाने वाले तथ्य दर्ज हैं। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही कई बड़े मामले सामने आएंगे।

सरकार ने रिपोर्ट को गोपनीय रखा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें न सिर्फ 24 नवंबर को हुई हिंसा का जिक्र है, बल्कि संभल के इतिहास में हुए दंगों की संख्या और उन दंगों के दौरान क्या-क्या हुआ, इसका भी विवरण दिया गया है। रिपोर्ट में संभल में हिंदुओं की घटती आबादी का कारण और दंगों के इतिहास के साथ साजिशों का भी जिक्र है। इसमें जनसांख्यिकीय परिवर्तन की तमाम वजहों लोगों को पलायन के मजबूर करने पर भी पूरा फोकस है। कहा गया है कि जहां कभी संभल में 45 प्रतिशत आबादी हिंदू थी, लेकिन घटकर अब 15 से 20 प्रतिशत रह गई है।

कैबिनेट की मंजूरी से विधानसभा में पेश होगी रिपोर्ट

रिपोर्ट पहले राज्य कैबिनेट के समक्ष पेश की जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आगामी विधानसभा सत्र के दौरान इसे सदन में रखा जाएगा। संभल हिंसा की न्यायिक जांच रिपोर्ट में डेमोग्राफी बदलाव का भी जिक्र किया गया है। अब इस रिपोर्ट के बाद शासन से क्या निर्णय लिया जाता है, यह देखने वाली बात होगी।

संभल कई आतंकवादी संगठनों का अड्डा

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि सम्भल में 1947, 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001, 2019 में दंगे हुए। जो आजादी के बाद से अबतक 15 हैं। संभल कई सारे आतंकवादी संगठनों का अड्डा बन चुका है। इसके अलावा संभल दंगों में विदेशी हथियार का प्रयोग किया गया था, इसके साक्ष्यव भी न्या यिक आयोग को मिले हैं। रिपोर्ट में मेड इन यूएसए हथियार मिलने की बात कही गई है।

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