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टिकट कटने के बाद फफक कर रोने लगीं RJD नेता, बोलीं- लालू यादव ने 2020 में भी वादा किया था

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। सोमवार को राबड़ी देवी के आवास पर उस वक्त भावुक पल देखने को मिला, जब गया की बाराचट्टी विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहीं उषा देवी टिकट कटने के बाद रोती हुई नजर आईं। टिकट नहीं मिलने से आहत उषा देवी सीधे राबड़ी आवास पहुंचीं और मीडिया से बात करते हुए भावुक होकर रोने लगीं।

उषा देवी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिससे वह काफी दुखी हैं। उन्होंने कहा, “मैं 17 साल की उम्र से पार्टी की सदस्य हूं। चुनाव प्रचार के लिए बोधगया जाने से पहले मैंने अपने माता-पिता से आशीर्वाद लेने के लिए अपने गांव का दौरा किया था। खेसारी लाल और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं के समर्पण और आश्वासन के बावजूद मुझे बोधगया निर्वाचन क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिला। मैं निराश हूं, लेकिन फिर भी तेजस्वी यादव और लालू यादव का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

“लालू जी पिता समान हैं, उन्होंने वादा किया था”

उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद यादव जी हमारे पिता के समान हैं। उन्होंने 2020 में भी मुझसे टिकट का वादा किया था और 2025 में भी मुझे नहीं मिला। उन्होंने कहा था कि तुम घबराओ नहीं, तुमको हम विधानसभा भेजेंगे। मैंने पार्टी के लिए पूरी मेहनत की, लेकिन मुझे टिकट नहीं मिला। हम बस अभी भी कह रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव जी आप हमारे पिता तुल्य हैं, आप सब कुछ कीजिए।”

समता देवी को मिला टिकट

इस बार बाराचट्टी सीट से RJD ने समता देवी को टिकट दिया है। वहीं, मोतिहारी के मधुबन से टिकट नहीं मिलने पर आरजेडी के नेता मदन शाह कुर्ता फाड़कर फूट-फूटकर रो पड़े। वह 2020 में भी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े थे, लेकिन मात्र दो हजार वोटों से हार गए थे। इस बार भी उन्हें पार्टी की ओर से सिंबल मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मिला नहीं। इससे नाराज होकर वह कुर्ता फाड़कर फूट-फूटकर रोने लगे।

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