महाकाल की नगरी उज्जैन में जालसाजों ने ठगी का नया तरीका ढूंढ निकाला है. इसमें जालसाज लोगों को वीडियो कॉल करते हैं, उन्हें रिकॉर्डेड अश्लील वीडियो दिखाते हैं और उन्हें भी न्यूड होने को कहते हैं. फिर इसी स्थिति में वीडियो रिकार्ड कर ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं. इस तरह के 7 से 8 मामले हर महीने पुलिस के पास आ रहे हैं. पुलिस के मुताबिक करीब इतने ही मामले और भी हो रहे हैं, जिनमें पीड़ित व्यक्ति शर्म के मारे पुलिस के पास भी आने की हिम्मत नहीं कर पाते
फिलहाल पुलिस इस तरह के मामलों को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है. पुलिस के मुताबिक ज्यादातर शिकायतों में मॉड्स ऑपरेंडी कॉमन है. इस तरह के मामलों में जालसाज पहले सोशल मीडिया खासतौर पर फेसबुक यूजर से दोस्ती गांठते हैं. फिर उन्हें मैसेंजर पर अश्लील चैट करते हुए वीडियो कॉल के लिए वाट्सऐप पर आमंत्रित करते हैं. यहां लोगों को रिकार्डेड वीडियो दिखाया जाता है, जिसे देखकर लोग समझ लेते हैं कि यह सबकुछ लाइव हो रहा है. इसके बाद जालसाज सामने वाले पर भी कपड़े उतारने के लिए दबाव बनाते हैं और ऐसा करते ही उसका वीडियो रिकार्ड कर लेते हैं.
धमकाते हुए करते हैं वसूली
इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल. पुलिस के मुताबिक वीडियो रिकार्ड करने के अगले दिन जालसाज पीड़ित व्यक्ति को वही वीडियो भेजते हैं और फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर एक रकम की डिमांड की जाती है. पीड़ित जब इसके लिए मना करता है तो दो एक दिन बाद जालसाज खुद को पुलिस अधिकारी बताकर फोन करते हैं और कहते हैं उस वीडियो के संबंध में केस रजिस्टर किया जा रहा है. यहां पर यही फर्जी पुलिस अफसर कानून डर दिखाकर मोलभाव करता है.
ज्यादातर वारदात गुरुवार और शुक्रवार को
पुलिस के मुताबिक जालसाजी का यह खेल आमतौर पर गुरुवार या शुक्रवार को होता है. दरअसल शनिवार व रविवार को बैंकों की छुट्टी होती है. ऐसे में यदि इस अवधि में ठगी होने के बाद जालसाजों को पैसा विड्राल करने के लिए आराम से 24 घंटे का समय मिल जाता है. उज्जैन के साइबर सेल प्रभारी प्रतीक यादव के मुताबिक इस तरह की 7 से 8 शिकायतें हर महीने आ रही हैं. उन्होंने इस तरह की घटनाओं के प्रति लोगों को जागरुक किया. साथ ही कहा कि इस तरह की घटना यदि किसी के साथ हो भी जाए तो उसे तत्काल पुलिस को सूचित करना चाहिए.