
उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रदेश के आलू किसानों के हित में वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आलू बीज की दरों पर 800 रुपये प्रति कुंतल की छूट देने का निर्णय लिया गया।
उद्यान मंत्री ने कहा कि वर्तमान वर्ष में विभागीय आलू बीज की विक्रय दरें उत्पादन लागत के आधार पर 2760 रुपये से 3715 रुपये प्रति कुंतल तक निर्धारित थीं, जबकि निजी बीज कंपनियों की आलू बीज की औसत दरें लगभग 2500 से 3500 रूपये के बीच है। अब किसानों को गुणवत्तायुक्त सभी श्रेणी के विभागीय आलू बीज की दरों में 800 रुपये प्रति कुंतल की छूट दी जायेगी। शोध संस्थाओं एवं सरकारी संस्थाओं को छूट प्रदान नहीं की जायेगी। अब किसानों के लिए सभी विभागीय आलू बीज की दरें 1960 रुपये से 2915 रुपये प्रति कुंतल के बीच रहेगी।
उप्र. में देश के कुल आलू उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत
वर्तमान वर्ष में उद्यान विभाग के पास 41,876 कुंतल आलू बीज भंडारित है। विभाग द्वारा यह बीज नकद मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि किसान आगामी वर्षों के लिए बीज उत्पादन कर सकें। उत्तर प्रदेश देश का प्रमुख आलू उत्पादक राज्य है। प्रदेश में लगभग 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई की जाती है, जिससे लगभग 26 लाख मीट्रिक टन आलू बीज की आवश्यकता होती है। राज्य देश के कुल आलू उत्पादन का लगभग 30 से 35 प्रतिशत उत्पादन करता है।
कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले
सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक किसान को गुणवत्तायुक्त बीज सुलभ दरों पर उपलब्ध हो ताकि उनकी आय में वृद्धि हो और प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। किसान विभागीय आलू बीज कम दरों पर अपने संबंधित जनपदीय उद्यान अधिकारी से संपर्क कर नकद मूल्य पर प्राप्त कर सकते हैं। इससे आगामी वर्षों के लिए बीज तैयार किया जा सकेगा, जिससे प्रदेश में आलू उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि होगी।- दिनेश प्रताप सिंह, उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)





Great post and straight to the point. I don’t know if this is in fact the best place to ask but do you folks have any ideea where to hire some professional writers? Thank you 🙂
Have you considered how this approach might adapt to different learning styles? Your method seems particularly effective for visual learners like myself, but I’m curious about modifications for other preferences. Alternative solutions are explored at Product Launches.
I went over this site and I think you have a lot of great information, saved to my bookmarks (:.