Sonu Sood Whatsapp Number : अभिनेता सोनू सूद जो की कोरोना कल में लोगों के लिए मसीहा बन कर सामने आए थे। खबरों के मुताबिक सोनू सूद को जरूरतमंद लोगों से जुड़ने में समस्या हो रही थी। क्योंकि उनका व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक हो गया है। इस बारे में सोनू सूद ने व्हाट्सएप से दो बार शिकायत की, लेकिन उनकी प्रक्रिया में धीमी गति से कार्य करने पर निराशा जताई। इसके साथ उन्होंने ट्विटर पर इस बारे में बताया भी कि, उनका व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक हो गया। इसलिए वह असमर्थ हैं, जरूरतमंद लोगों से जुड़ने में और उनसे बातचीत करने में।
@WhatsApp
Still my account doesn’t work..
Time to wake up guys.
It’s been more than 36 hours.
Message me directly on my account asap.
Hundreds of needy people must be trying to reach for help.
Kindly do your bit . pic.twitter.com/nvtbZKKwpU
— sonu sood (@SonuSood) April 27, 2024
रिपोर्ट के मुताबिक सोनू सूद अकाउंट ब्लॉक होने के बाद उन्होंने व्हाट्सएप को टैग भी किया, और तथा ट्विटर पर एक को शेयर करते हुए, यह भी लिखा कि “आखिरकार मेरा व्हाट्सएप पुणे प्राप्त हो गया है, 61 घंटे में सिर्फ 9483 अपठित मैसेज हैं। और इसके साथ उन्होंने थैंक यू लिखा ” उन्होंने पहले अपने अकाउंट के 36 घंटे से अधिक समय तक काम नहीं करने पर निराशा जताई।
आपको बता दें कि सोनू सूद के व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक होने के बाद उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट साझा करते हुए या लिखा कि “व्हाट्सएप अभी मेरा अकाउंट काम नहीं कर रहा है, दोस्तों जागने का समय आ गया, 36 घंटे से ज्यादा हो गए। अगर मुझे सीधे मेरे खाते पर संदेश भेजें तो सैकड़ो जरूरतमंद लोग मदद के लिए पहुंचने की कोशिश कर रहे होंगे। कृपया अपना योगदान दे। एक और पोस्ट में उन्होंने व्हाट्सएप से शिकायत की की दोनों ट्वीट्स में अपने अकाउंट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया।
❤️🙏 pic.twitter.com/oxjddrLzPm
— sonu sood (@SonuSood) April 28, 2024
सोनू सूद के व्हाट्सएप अकाउंट को रिकवर होने के बाद उन्होंने पोस्ट साझा करते हुए कहा कि की 9483 मेसेज इन 36 घंटे में व्हाट्सएप पर आए हैं। जरूरतमंद लोगों की उन्होंने यह भी कहा कि व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक होने की वजह से, हम जरूरतमंद लोगों के पास इन 36 घंटे में नहीं पहुंच पाए हैं। इस बारे में सोनू सूद ने निराश व्यक्ति की थी। आपको बता दे कि सोनू सूद कोरोना कल में प्रवासी और श्रमिकों के लिए मसीहा बनकर आए थे। उन्होंने उनके लिए बस परिवहन की व्यवस्था की जिससे वह अपने घर पहुंच सके।