पीड़ित महिलाओं को योगी सरकार ने दिया सहारा, 1250 पीड़िताओं को वितरित किए 41.75 करोड़

- ‘रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष’ से वितरित की गई धनराशि, जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को मिल रही सीधी आर्थिक सहायता
- महिला सशक्तिकरण और न्याय सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार का संवेदनशील कदम, 2025-26 में अब तक 1250 पीड़िताओं को मिली राहत
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशील नीति से महिलाओं को मिल रहा न्याय और सम्मान, जिला संचालन समिति की संस्तुति के बाद सीधा लाभार्थी खाते में क्षतिपूर्ति
लखनऊ। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा, न्याय और सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई इबारत लिख रही है। राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष’ के तहत प्रदेश में जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को 1 लाख से 10 लाख तक की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं, बल्कि पीड़िता को सम्मानजनक पुनर्स्थापन और मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करना भी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के संचालन हेतु ?50 करोड़ का बजटीय आवंटन किया गया है। इस राशि के सापेक्ष अब तक राज्य की 1250 पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को कुल 41.75 करोड़ क्षतिपूर्ति राशि उनके या उनके परिजनों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से अंतरित की जा चुकी है।
2024-25 में वितरित किए गए 100 करोड़
इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी योगी सरकार ने 2842 पीड़िताओं को 100 करोड़ की सहायता राशि सीधे उनके खातों में भेजी थी। यह आंकड़ा सरकार की प्रतिबद्धता और गंभीरता को दशार्ता है। इस योजना की प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और त्वरित बनाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला संचालन समिति के माध्यम से प्रत्येक मामले की समीक्षा की जाती है। समिति की स्वीकृति के पश्चात, सरकार द्वारा मुख्यालय स्तर से सीधा फंड ट्रांसफर सुनिश्चित किया जाता है।
योगी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और संवेदनशील दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं और बालिकाओं के प्रति अपराधों को न केवल गंभीरता से ले रही है, बल्कि पीड़ितों को त्वरित न्याय और आर्थिक राहत भी दे रही है। ह्यरानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोषह्ण इसके सबसे सशक्त उदाहरणों में से एक है। यह कोष न केवल न्याय की प्रतीक्षा कर रही महिलाओं को आर्थिक सहायता देता है, बल्कि उन्हें नवजीवन जीने का हौसला, आत्मविश्वास और गरिमा भी प्रदान करता है।