‘हिंदुत्व पर बातचीत सपा को खटकती है…’, पार्टी से निकाले जाने के बाद पप्पू सिंह ने अखिलेश यादव के खिलाफ जताई नाराजगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरे में क्षति के मामले में समाजवादी पार्टी ने अपने जिला अध्यक्ष पप्पू सिंह को पद से हटा दिया। इसके बाद पप्पू सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सपा पर एक खास जाति के प्रभुत्व का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा देकर खुद को पार्टी से मुक्त कर लिया है।
सपा से निष्कासन के बाद पप्पू सिंह ने कहा कि पार्टी में सिर्फ एक जाति का दबदबा है। अगर कोई हिंदुत्व की बात उठाता है, तो सपा के लोग नाराज हो जाते हैं। इसलिए, उन्होंने लखनऊ में पार्टी कार्यालय जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
पप्पू सिंह का बयान
पप्पू सिंह ने बताया कि वह 2021 से सपा के साथ थे और उन्होंने हुसैनगंज विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की। लेकिन, उनके अनुसार, सपा में एक ही जाति का वर्चस्व है और हिंदू हितों की बात करने पर पार्टी को आपत्ति होती है।
फतेहपुर मकबरे का विवाद
दरअसल, सोमवार को फतेहपुर में नवाब अबू समद के मकबरे को लेकर हिंदू संगठनों ने जोरदार हंगामा किया। संगठनों ने दावा किया कि यह स्थान मंदिर है और वहां पूजा-पाठ करेंगे। इसके बाद, लाठी-डंडों के साथ भीड़ मकबरे पर पहुंची और वहां मौजूद मजारों को नुकसान पहुंचाया।
मामले में पप्पू सिंह का नाम
पुलिस ने इस घटना में 10 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसमें सपा जिला अध्यक्ष पप्पू सिंह चौहान का नाम भी शामिल था, जो घटना के दौरान हिंदू संगठनों के साथ मौजूद थे।
सपा का एक्शन
मकबरे में तोड़फोड़ के मामले में पप्पू सिंह का नाम आने के बाद सपा ने तुरंत कदम उठाया और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। सपा ने बयान जारी कर कहा कि जो भी व्यक्ति भाजपा की मानसिकता रखता है, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल है या पीडीए की विचारधारा से अलग सोचता है, उसे तत्काल पार्टी छोड़ देनी चाहिए। सपा ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के इशारे पर काम करने वालों को चिह्नित कर पार्टी से बाहर किया जाएगा।