
लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और भारत की विविधता को एकता में जोड़ने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान की मूल प्रति को लेकर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की समिति जब संविधान सभा के पास गई थी तब भी उन्होंने कहा था कि संविधान एक दस्तावेज है, जो भारत की विविधता को एकता में जोड़ने में मार्गदर्शिका के रूप में देश को नेतृत्व प्रदान करेगा।
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान दिवस पर लोकभवन में संविधान की प्रस्तावना का सशपथ पाठन कराया। इससे पूर्व अतिथियों ने भारत मां व बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान लघु फिल्म भी दिखाई गई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से 2015 से पूरा देश प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने कहा कि 1946 में हुए संविधान सभा के चुनाव के उपरांत गठित संविधान सभा ने भारत के संविधान का निर्माण किया था।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में बनी संविधान सभा ने अलग-अलग कमेटियां बनाई थीं, उसकी ‘ड्रॉफ्टिंग कमेटी’ के अध्यक्ष के रूप में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। योगी ने कहा, ‘‘ आज हर संस्था, पंचायत में ऐसे आयोजन करके संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने का प्रयास हुआ। 2015 में संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हममें से हर व्यक्ति स्वतंत्र भारत का नागरिक है लेकिन स्वतंत्रता की वास्तविक कीमत विस्मृत की जा रही है, क्योंकि हमने स्वाधीनता की लड़ाई को आंखों से नहीं देखा।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और विशेषज्ञों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और भारत की विविधता को एक सूत्र में पिरोने वाला एक दस्तावेज है।” संविधान के शपथ ग्रहण से पहले भारत माता और डॉ. बी.आर. आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और एक लघु फिल्म दिखाई गई। मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मानित किया। आदित्यनाथ ने लोगों में कर्तव्य की भावना विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हर कोई अधिकारों की बात करता है। लेकिन अधिकार तभी सुरक्षित रहते हैं जब व्यक्ति अपने कर्तव्यों को निभाने की आदत विकसित करता है। कर्तव्यों के बिना अधिकार अस्तित्व में नहीं रह सकते।”
उन्होंने कहा, “जहां कर्तव्यों के बिना अधिकारों का दावा करने का प्रयास किया जाता है, वहां लोकतंत्र नहीं टिकता; तानाशाही आम नागरिकों के अधिकारों को कुचल देती है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रत्येक व्यक्ति को दासता की मानसिकता से मुक्त होना चाहिए और सशस्त्र बलों तथा वर्दीधारी कर्मियों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए।” आदित्यनाथ ने व्यक्तियों के कार्यों के लिए संस्थाओं को दोष देने के विरुद्ध चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “यदि एक व्यक्ति गलती करता है, तो पूरी व्यवस्था की निंदा नहीं की जानी चाहिए।” उन्होंने कहा कि लोग अक्सर निजी लाभ के लिए सामाजिक विभाजन को बढ़ाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रयास एकता और अखंडता की दिशा में होने चाहिए।” उन्होंने कहा कि संविधान का अनादर करना आंबेडकर, स्वतंत्रता सेनानियों और उन गरीबों का अनादर करने के समान है जिन्हें संविधान के कारण लोकतांत्रिक अधिकार प्राप्त हुए। उन्होंने कहा, “प्रत्येक भारतीय परिवार के पास संविधान की एक प्रति होनी चाहिए और परिवारों को इसकी प्रस्तावना पढ़नी चाहिए।”
आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य विधानमंडल के पिछले सत्र में शुरू हुई चर्चा के तहत, विकसित उत्तर प्रदेश बनाने को लेकर जनता से 98 लाख से ज़्यादा सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा, “राज्य के हर पांचवें परिवार ने सुझाव भेजे हैं। लोग शासन का हिस्सा बनना चाहते हैं।” इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तथा कई मंत्री शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सभी प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने लिखा कि “संविधान दिवस की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। न्याय, समानता और बंधुत्व हमारे संविधान की मूल आत्मा हैं। भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की दूरदर्शिता, ओजस्वी चिंतन और अथक परिश्रम से तैयार हुआ हमारा संविधान विश्व के सबसे मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। यह संविधान राष्ट्र की एकता-अखंडता और प्रगति की नींव होने के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार, गरिमा और अवसर प्रदान करता है।”




