उत्तर प्रदेशबड़ी खबर

Bareilly violence: सपा प्रतिनिधिमंडल के बरेली जाने पर रोक, माता प्रसाद पांडेय हाउस अरेस्ट, अखिलेश ने सरकार पर साधा निशाना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 26 सितंबर को नमाज के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद हालात का जायजा लेने और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के इरादे से समाजवादी पार्टी का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज को बरेली रवाना होने वाला था। लेकिन जिला प्रशासन के सख्त निर्देशों के बाद लखनऊ पुलिस ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित सभी नेताओं को रोक लिया। इसके साथ ही माता प्रसाद पांडेय को उनके आवास पर ही हाउस अरेस्ट कर दिया गया, जबकि अन्य सदस्यों को नोटिस थमाकर यात्रा पर प्रतिबंध लगा दी गई है। इस समय बरेली में धारा 163 लगाई हुई है।

प्रशासन की सख्ती… कोई राजनीतिक व्यक्ति प्रवेश नहीं

बरेली के जिलाधिकारी ने शनिवार को ही सभी जिला पुलिस अधिकारियों को पत्र जारी कर साफ किया है कि किसी भी राजनीतिक व्यक्तियों का जिले में प्रवेश पर रोक है। जारी पत्र में कहा गया कि हाल के दंगों के बाद सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह जरूरी कदम उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और मौलाना तौकीर रजा समेत कई आरोपियों को गिरफ्तारी भी की गई है। जिससे बरेली का माहौल काफी संवेदनशील बना हुई है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।

माता प्रसाद हाउस अरेस्ट

लखनऊ में पीजीआई थाने की पुलिस ने माता प्रसाद पांडेय के घर को घेर लिया। भारी संख्या में फोर्स तैनात कर उनके बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है। पांडेय ने कहा, “पुलिस मुझे इतनी सख्ती से देख रही है जैसे की मैं कोई अपराधी हूं। सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए विपक्ष को दबाव बना रही है।”

सपा प्रतिनिधिमंडल का मकसद सिर्फ पीड़ितों की परेशानियां सुनना, डीआईजी और कमिश्नर से चर्चा करना और फिर पूरी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपना था।

‘यह सरकार की हार है’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर सोशल मीडिया के जरिए भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा की बरेली जाने पर रोक लगाना प्रशासन की लापरवाही को दबाने की साजिश है। अगर पहले इतनी सतर्कता बरती जाती तो हिंसा न फैलती। यादव ने मांग की कि जिले के पूरे प्रशासनिक अमले को निलंबित किया जाए और लापरवाही के लिए मुकदमा दर्ज हो। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “भाजपा हार चुकी है, अब विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।”

प्रतिनिधिमंडल में ये प्रमुख नेता हैं शामिल

माता प्रसाद पांडेय, सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, सांसद हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव समेत 14 नेता।

घटनाक्रम की समयरेखा

– 26 सितंबर: बरेली में नमाज के बाद हिंसा भड़की, कई घायल, गिरफ्तारियां शुरू।

– 3 अक्टूबर (शनिवार): डीएम बरेली ने राजनीतिक दौरे पर रोक के आदेश जारी।

– 4 अक्टूबर (रविवार सुबह): सपा डेलिगेशन लखनऊ से रवाना होने की तैयारी, लेकिन पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया।

– दोपहर: अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button