सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री को दी श्रद्धांजलि

गोरखपुर स्थित श्री गोरखनाथ मंदिर में 02 अक्टूबर 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनके चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने दोनों महापुरुषों के आदर्शों और सिद्धांतों को आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए समाज से आह्वान किया कि हम सबको उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महात्मा गांधी केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए सत्य और अहिंसा के प्रतीक हैं। उनका जीवन सादगी, सत्य और आत्मबल का संदेश देता है। गांधी जी ने न केवल देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया बल्कि समाज में सत्य और नैतिकता की नींव को भी मजबूत किया। उनकी विचारधारा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान थी। उन्होंने “स्वच्छता”, “सत्याग्रह” और “सर्वोदय” जैसे आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाया, जिसे अपनाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ जी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी का जीवन अनुशासन, सरलता और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक है। उनका नारा “जय जवान, जय किसान” आज भी देश की आत्मा को झकझोर देता है और हर भारतीय के दिल में नई ऊर्जा का संचार करता है। शास्त्री जी ने कठिन परिस्थितियों में भी अपने अदम्य साहस और सच्चाई से देश का नेतृत्व किया। वे सच्चे राष्ट्रनायक थे, जिनकी ईमानदारी और निष्ठा आज के राजनेताओं और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी का जीवन हमें सिखाता है कि बड़े से बड़ा परिवर्तन साधारण जीवन जीते हुए और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज जब देश नई चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब आवश्यक है कि हम गांधी जी की सत्य और अहिंसा की राह और शास्त्री जी की सादगी व समर्पण की नीति को अपने जीवन में उतारें।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे समाज और राष्ट्रहित में कार्य करें तथा गांधी-शास्त्री जी के बताए मार्ग पर चलकर देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि गोरखनाथ मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर इन महान विभूतियों को स्मरण करना एक सौभाग्य है, क्योंकि यह मंदिर सदैव समाजसेवा, संस्कार और राष्ट्रभक्ति की धारा प्रवाहित करता आया है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, मंदिर से जुड़े संत-महात्मा और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर दोनों महान विभूतियों के आदर्शों को याद किया और राष्ट्रहित में उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।