
लेह-लद्दाख हिंसा पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के NGO का FCRA रद्द कर दिया गया है इसका मतलब ये हुआ कि सोनम वांगचुक का NGO अब विदेश से कोई अंशदान नहीं ले सकता है। बता दें कि जांच में वित्तीय गड़बड़ी के सबूत मिले थे और इसी को लेकर फॉरेन कंट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी गई है।
वित्तीय गड़बड़ी पर सरकार की कार्रवाई
वांगचुक के NGO को 20 अगस्त को ही नोटिस जारी किया गया था लेकिन जो जबाव दिया गया उसमें वित्तीय अनियमितता पर कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल सका। वांगचुक पर मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप लगे हैं।
लेह हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
बता दें कि गृह मंत्रालय ने लद्दाख में हुई हिंसा के लिए एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि सोनम वांगचुक ने भीड़ को अपने भड़काऊ बयानों से उकसाया। कई नेताओं द्वारा भूख हड़ताल खत्म करने की अपील करने के बावजूद, सोनम वांगचुक ने अनशन जारी रखा। उन्होंने अरब स्प्रिंग स्टाइल में विरोध प्रदर्शन के उत्तेजक बयान दिए। साथ ही नेपाल में Gen Z के विरोध प्रदर्शनों का हवाला दिया। इसी के बाद भीड़ ने अनशन स्थल से निकलकर बीजेपी कार्यालय और सीईसी लेह के सरकारी कार्यालय पर हमला किया।
लद्दाख-करगिल में BNS की धारा 163 लागू
हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने लोगों से शांति की अपील की है। साथ ही हालात दोबारा से खराब ना हो इसके लिए लद्दाख के साथ-साथ करगिल में BNS की धारा 163 लागू कर दी गई है। अब बिना प्रशासन की इजाजत के कोई भी जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाल सकेगा। CRPF की चार एडिशनल कंपनियों को कश्मीर से लद्दाख भेजा गया है। इसके अलावा आईटीबीपी की चार और कंपनियों को भी लद्दाख भेजा जा रहा है। साथ ही लोगों से पुराने और भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर ना करने की अपील की गई है।





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