उत्तर प्रदेश

अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए : योगी आदित्यनाथ

  • मुख्यमंत्री ने किया गोमती पुस्तक महोत्सव का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

पुस्तक मेले के शुभारम्भ के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मनीषा की ज्ञान की अवधारणा बहुत विराट है। हमने शब्द को ब्रह्म माना है। ब्रह्म ही सत्य है। इसीलिए भारतीय ऋषि कहता है विचार कभी मरते नहीं। हमारा सही साथी कोई है तो वह है अच्छी पुस्तकें। हमें सामूहिक रूप से अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। युवाओं से कहना चाहेंगे कि पांच छह घंटे सोशल मीडिया पर लगाते हैं अगर प्रतिदिन 1 घंटे रचनात्मक पुस्तक पढ़ लें तो जीवन का कल्याण हो जायेगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पढ़ना और आगे बढ़ना भारत की परम्परा रही है। भारत ने दुनिया को विश्वविद्यालय की श्रंखला दी। तक्षशिला विश्वविद्यालय जो आज पाकिस्तान में है, उसे आक्रान्ताओं ने नष्ट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलिक कृति पर हमारा विचार व प्रयास होना चाहिए। इस पर लेखन व चिंतन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा। हमारे शिक्षा व धार्मिक केन्द्रों को इसका आधार बनना पड़ेगा। महर्षि वाल्मीकि ने एक मौलिक कृति रामायण महाकाव्य के रूप में हम सबको दिया। तुलसी दास ने राम​चरितमानस की रचना कर अजर अमर हो गये।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि युवा वर्ग को डिजिटल माध्यम के साथ मुद्रित पुस्तकों के प्रति प्रेरित करना जरूरी है। पुस्तकें अच्छी ज्ञानवर्धक होती हैं और हमें दिशा देती हैं। गोमती पुस्तक महोत्सव पारम्परिक ज्ञान देने का सशक्त माध्यम है।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा कि हमें वाचन संस्कृति को बढ़ाना होगा। इससे समाज ज्ञानवान बनेगा। विचार व भावनाएं पुस्तकों के माध्यम से लोगों तक पहुंचती हैं। वाचन के माध्यम से हजारों व्यक्तियों का जीवन हम समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ेगा भारत तो बढ़ेगा भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं। पुस्तकों का पढ़ना बहुत आवश्यक है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना, एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सुशील चन्द्र त्रिवेदी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही व ​अभाविप के प्रान्त संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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