रणजी ट्रॉफी 2024 में आंध्र प्रदेश के बाहर होने के बाद एक बड़ा विवाद जन्म ले चुका है. यह विवाद आंध्र प्रदेश के कप्तान और भारत की ओर से भी टेस्ट खेल चुके हनुमा विहारी से जुड़ा है. हनुमा विहारी की एक इंस्टाग्राम पोस्ट से आंध्रा क्रिकेट में बवाल मच गया है. हनुमा विहारी की इस इंस्टाग्राम पोस्ट से यह जाहिर होता दिख रहा है कि किस प्रकार से राजनितिक ताकते राज्य स्तर के क्रिकेट में हस्तक्षेप करती हैं और राजनितिक दबाव के कारण ही हनुमा से उनकी कप्तानी छुड़वाई गयी है. हनुमा की इस इंस्टाग्राम पोस्ट के बाद से ही आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
दरअसल एक मैच के दौरान हनुमा विहारी ने कप्तान की हैसियत से अपने साथी खिलाड़ी परुधवी राज पर चिल्ला दिया, जो कि खिलाड़ियों के बीच बहुत आम और सामान्य बात है कि खेल के दौरान कप्तान डांट लगा देता है. लेकिन हनुमा विहारी की पोस्ट के अनुसार, परुधवी राज ने अपने राजनेता पिता की राजनीतिक ताकत का फायदा उठाते हुए हनुमा से अपने अपमान का बदला लिया है और उन्हें कप्तानी से हटने के लिए मजबूर किया गया है. हनुमा के इस खुलासे के बाद आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या खिलाड़ियों के भविष्य का निर्णय क्रिकेट बोर्ड करेगा या कोई राजनेता. आपको बताते चलें कि हनुमा के साथी खिलाड़ियों ने एक चिट्टी भी लिखी है जिसमे उन्होंने हनुमा को समर्थन देने की बात की है और उस चिट्ठी में 15 खिलाड़यों के हस्ताक्षर हैं. वहीं परुधवी राज ने हनुमा की इस पोस्ट को सिम्पैथी गेम करार दिया और कहा कि हनुमा ने बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग क्या था जोकि बर्दाश्त करने योग्य नहीं थी. परुधवी राज के इस पोस्ट से यह भी जाहिर हो गया कि उन्हीं के पिता के दबाव के चलते हनुमा को कप्तानी से हटना पड़ा है. अब यह देखने योग्य बात रहेगी कि BCCI इस पर क्या कार्रवाई करेगी.