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कांग्रेस ने उठाए चीन के विदेश मंत्री के भारत आगमन पर सवाल, कहा- 20 भारतीय सैनिकों की शहादत का है अपमान…

नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री के सोमवार को नईदिल्ली आगमन से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह यात्रा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान बीजिंग द्वारा पाकिस्तान को हथियार प्रणालियां और त्वरित खुफिया सूचनाएं प्रदान करने के महज तीन महीने बाद हो रही है। रमेश ने कहा कि भारत गलवान मुद्दे पर चीन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गयी ‘‘क्लीन चिट’’ की कीमत चुका रहा है और यह उन 20 भारतीय सैनिकों की शहादत का भी अपमान है जो जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी बलों के साथ झड़प में शहीद हुए थे।

कांग्रेस महसचिव (संचार) ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सिर्फ तीन महीने पहले ही चीन ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी सैन्य मदद दी थी। इस दौरान उसने पाकिस्तान को जे-10सी लड़ाकू विमान, हवा से हवा में मार करने वाली पीएल-15 मिसाइल सहित कई मिसाइल और ड्रोन उपलब्ध कराए थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ त्वरित खुफिया सूचनाएं भी दी थीं। उन्होंने चार जुलाई के अपने बयान में यहां तक कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत जिन ‘‘विरोधियों’’ से लड़ रहा था, उनमें चीन भी शामिल था।’’ पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ प्रारंभ किया जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ढांचों को नष्ट किया गया।

पाकिस्तान के जवाबी हमले का कोई असर नहीं हुआ और दोनों देशों ने 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने का फैसला किया। रमेश ने कहा कि चीन ने यारलुंग त्संगपो नदी पर 60 गीगावाट क्षमता वाले मेदोग बांध का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है, जिसके ‘‘निहितार्थ भारत के लिए अत्यंत गंभीर’’ साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से भारतीय सेना की यह इच्छा रही है कि अप्रैल 2020 की स्थिति को बहाल किया जाए, लेकिन सरकार ने अक्टूबर 2024 में चीन के साथ सेना को पीछे हटाने का समझौता स्वीकार कर लिया, जिसके तहत अब भारतीय गश्ती दलों को देपसांग, देमचोक और चुशूल में अपने गश्ती बिंदुओं तक पहुंचने के लिए चीनी सहमति लेनी पड़ती है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत ने गलवान, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो में ‘‘बफर ज़ोन’’ पर भी सहमति जताई है, जो भारत के दावे वाली रेखा के भीतर आते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह चीनी आक्रमण से पहले की यथास्थिति से कोसों दूर है। भारत 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन को दी गई (कुख्यात) क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है, जब उन्होंने कहा था, ‘न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।’’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री का यह बयान न केवल कायराना था, बल्कि इससे जून 2020 में गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान का भी अपमान हुआ।’’ विदेश मंत्रालय के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार से शुरू हो रही अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे।

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