
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 30 व्यक्तियों, संस्थाओं, नियोक्ताओं एवं सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कार्मिकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने 500 दिव्यांगजन को ट्राईसाइकिल एवं विभिन्न सहायक उपकरण वितरित किए, दिव्य कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और विशेष विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं को टैबलेट व प्रमाण-पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर अन्य पिछड़ा वर्ग वर्ग के कक्षा-9 से 12 तक के 5,33,285 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति स्वीकृति प्रमाण-पत्र तथा कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना, विवाह अनुदान योजना के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए गए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी ऋषि परंपरा में दिव्यांगता को किसी की कमजोरी नहीं माना गया है। मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में से एक है।दिव्यांगजन किसी से कम नहीं हैं। आपकी हिम्मत, आपकी प्रतिभा और आपकी सफलता ही ‘नए भारत’ की शक्ति है। उन्होंने कहा है कि दिव्यांगता का शिकार होने पर एक बच्चा यदि परिवार में उपेक्षित कर दिया जाता है तो ऐसा बच्चा परिवार और समाज का संबल न मिलने के कारण जिंदगी भर उपेक्षित और कुंठित दिखता है। जबकि यदि हम उन्हें संबल दे दें तो अच्छे परिणाम आ सकते हैं।
इस अवसर पर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार दिव्यांगजनों के समग्र कल्याण, सम्मान और आत्मनिर्भरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (DRC) की स्थापना की जाएगी, जिससे सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग और थेरेपी की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने दिव्यांग पेंशन को 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए किए जाने, सहायक उपकरणों की वित्तीय सहायता को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए तक करने तथा विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत दिव्यांग दंपतियों को 35,000 रुपए की सहायता प्रदान किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
मंत्री कश्यप ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर विभिन्न जिलों से आए 500 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान किए गए और विशेष विद्यालयों में अध्ययनरत 36 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि 03 से 05 दिसम्बर 2025 तक आयोजित “दिव्य कला प्रदर्शनी” दिव्यांगजन की कलात्मक, तकनीकी, व्यावसायिक एवं उद्यमशील क्षमताओं का अनूठा प्रदर्शन करेगी, जिसमें दिव्यांग कलाकारों और बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान आयोजित सीएसआर कॉन्क्लेव में दिव्यांगजन कल्याण को बढ़ावा देने हेतु 28 बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आमंत्रित किया गया है, जहां कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के अंतर्गत पुनर्वास, प्रशिक्षण, रोजगार एवं नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष चर्चा की जाएगी।
छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना पर बोलते हुए मंत्री कश्यप ने कहा कि छात्रवृत्ति वितरण अब सितंबर माह से ही शुरू कर दिया गया है, जबकि पूर्व में यह मार्च में होता था। इस वर्ष 5,33,285 छात्र-छात्राओं को 134 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है और अब तक 12,76,000 से अधिक छात्रों को 323 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और सतत प्रयासों से पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की सभी योजनाएं तेज गति से लागू हो रही हैं।
डॉ.दिलीप हुये सम्मानित, 2000 से अधिक दिव्यांगों को बना चुके हैं आत्मनिर्भर
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के प्रोफेसर दिलीप कुमार को आज राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से यह सम्मान डॉक्टर दिलीप को मिला है।
दरअसल, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित पीएमआर विभाग के डॉक्टर दिलीप कुमार अपने 16 साल से अधिक के करियर में 2000 से अधिक दिव्यांग विशेष कर बच्चों को आत्मनिर्भर बना चुके हैं। डॉ. दिलीप पीएमआर विभाग के दूसरे संकाय सदस्य हैं जिन्हें दिव्यांगता के क्षेत्र में किए गए विशेष कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।
डॉ दिलीप ने पुरस्कार मिलने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से सम्मान मिलना गौरव की बात है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुरस्कार मिलने से हौसला बढ़ता है।




