उत्तर प्रदेश

त्योहारों पर मिलावटखोरों पर कसा शिकंजा, आगे भी जारी रहेगी सतर्कता

लखनऊ। त्योहारों के मौसम में आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया गया है। दीपावली के अवसर पर 8 से 17 अक्तूबर तक चले ‘दीपावली विशेष अभियान’ के तहत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) की प्रवर्तन टीमों ने राज्य के विभिन्न जिलों में लगातार निरीक्षण और छापेमारी कर मिलावटी व दूषित खाद्य पदार्थों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की है। अभियान खत्म होने के बाद भी मिलावटखोर आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न कर सकें, इसके लिए योगी सरकार के निर्देश पर जिला स्तर पर प्रवर्तन दलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। इसके तहत नियमित रूप से बाजारों की निगरानी की जा रही है।
योगी सरकार का मानना है कि दीपावली का पर्व केवल रोशनी का नहीं बल्कि शुद्धता, पारदर्शिता और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा का प्रतीक भी होना चाहिए। इसी सोच के तहत सरकार ने मिलावट के खिलाफ यह सघन अभियान चलाया है। यह अभियान केवल दीपावली तक सीमित नहीं रहेगा। त्योहार के बाद भी मिलावट के विरुद्ध कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी ताकि प्रदेश को ह्लमिलावट-मुक्त उत्तर प्रदेशह्व बनाने के लक्ष्य की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा सकें।

स्वास्थ्य से समझौता स्वीकार्य नहीं
आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश डॉ. रोशन जैकब के निर्देशन में चलाए गए इस प्रदेशव्यापी अभियान के अंतर्गत कुल 6075 निरीक्षण और 2740 छापेमारी कार्रवाइयां की गईं। इस दौरान 3767 नमूने जांच के लिए संग्रहित किए गए और विभागीय टीमों ने 3548 क्विंटल मिलावटी या संदिग्ध सामग्री जब्त की, जिसकी अनुमानित कीमत 4.97 करोड़ आंकी गई है। वहीं, 1871 क्विंटल नुकसानदेह सामग्री को नष्ट कराया गया, जिसका मूल्य लगभग 2.89 करोड़ है। इस तरह अभियान में लगभग 8 करोड़ मूल्य की मिलावटी सामग्री जब्त और नष्ट की जा चुकी है। आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों के दौरान मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रभावी रोकथाम के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उनके आदेश पर जारी विशेष अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दीपावली और अन्य पर्वों पर बाजारों में बिकने वाले मिठाई, दूध, तेल, घी, मसाले, सूखे मेवे आदि पूरी तरह शुद्ध व सुरक्षित हों। जनता के स्वास्थ्य से समझौता किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है। मिलावटखोरों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने तक की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

जिला स्तर पर सतर्क प्रवर्तन दल
डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि विशेष अभियान के दौरान सभी जिलों में प्रवर्तन दलों ने बाजारों, मिठाई दुकानों, डेयरियों, तेल मिलों और खाद्य गोदामों का निरीक्षण किया। त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को अनावश्यक असुविधा न हो, इसके लिए भी सावधानी बरती गई। विभागीय निदेर्शों में कहा गया कि छोटे विक्रेताओं या ठेले वालों को बार-बार नमूना संग्रहण से परेशान न किया जाए, लेकिन किसी भी शिकायत या संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाए। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि संगठित रूप से मिलावट का कारोबार करने वालों के विरुद्ध केवल एफएसएस एक्ट 2006 के तहत ही नहीं, बल्कि बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) के तहत भी कानूनी कार्रवाई की जाए। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कर कठोर दंड सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके साथ ही, जिन क्षेत्रों में मिलावट का संगठित नेटवर्क पाया गया, वहां संबंधित जिलाधिकारी को गैंगस्टर एक्ट या आर्म्स एक्ट के तहत भी कार्यवाही की संस्तुति भेजी जाएगी।

साफ-सुथरे प्रतिष्ठान और जागरूक उपभोक्ता पर जोर
विभाग ने सभी खाद्य कारोबारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रतिष्ठानों में ‘फूड सेफ्टी स्टिकर’ अवश्य लगाएं। इस स्टिकर पर प्रतिष्ठान का नाम, मोबाइल नंबर, विभागीय टोल-फ्री नंबर और क्यूआर कोड अंकित होंगे, जिससे उपभोक्ता मौके पर ही अपनी शिकायत या फीडबैक दर्ज करा सकें। निरीक्षण के दौरान स्वच्छता, कच्चे माल के रख-रखाव और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का प्रारंभिक आंकलन भी किया गया। जहां कमियां पाई गईं, वहां सुधार नोटिस दिए गए हैं। सुधार न करने वाले प्रतिष्ठानों के लाइसेंस निलंबन की कार्यवाही भी की जा रही है।

Related Articles

10 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button