उत्तर प्रदेश

पहली शीशी, फिर नमूना देने के लिए लगाने पड़ रही लंबी लाइन

  • सिविल अस्पताल में मरीजों की रोज होती है कर्मचारियों से नोकझोंक

लखनऊ: हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में मरीजों को खून का नमूना देने के लिए दो बार लाइन में लगना पड़ रहा है। एक लाइन में नमूना के लिए शीशी (वैक्यूटेनर) दी जाती है, इसके बाद नमूना देने के लिए लाइन लगानी पड़ती है। परेशान मरीजों की रोजाना कर्मचारियों से नोकझोंक होती है।

सिविल अस्पताल में रोजाना करीब चार हजार मरीज ओपीडी में आते हैं। इनमें से करीब दो हजार से अधिक मरीजों को चिकित्सकों के जरिये एलएफटी, केएफटी, लिपिड प्रोफाइल, डेंगू, मलेरिया, टॉयफाइड, चिकनगुनिया, सीबीसी समेत पैथोलॉजी से जुड़ी अन्य जांचे कराने का परामर्श दिया जाता हैं। खून का नमूना देने के लिए मरीजों को दो बार लाइन में लगना पड़ रहा है।

सोमवार को इलाज के लिए आई आलमबाग निवासी नीता ने बताया कि मेडिसिन विभाग में दिखाने के बाद चिकित्सक ने कुछ जांचे लिखी थी। वह परचा लेकर पहले नमूना देने के लिए कमरे में गईं। यहां पहले से ही लंबी लाइन लगी थी। करीब आधे घंटे बाद नंबर आने पर बताया गया कि पहले शीशी लेकर आना हैं। इसके बाद वह जानकारी लेकर शीशी लेने के लिए दूसरी लाइन में लगी। यहां भी आधा घंटा लग गया। वापस दोबारा नमूना देने जाने पर लाइन में लगे अन्य मरीज विरोध करने लगे। दबाव बनाकर उसे फिर से लाइन में लगाया गया। इसी तरह दूसरे मरीज अरुण, राजेश और पिंकी ने बताया कि पंजीकरण से लेकर चिकित्सक को दिखाने तक में तीन घंटे से अधिक का समय लगा अब नमूना देने में भी दो बार लाइन लगवाई जा रही। इससे गंभीर मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके आलावा अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए भी मरीजों को दो बार लाइन में लगना पड़ता है।

रक्त का नमूना देने के लिए मरीजों को दो बार लाइन में लगना पड़ रहा है, यह मेरी जानकारी में नहीं है। पता कराकर मरीजों की सहूलियत के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।

-डॉ. कजली गुप्ता, निदेशक सिविल अस्पताल

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