नीति आयोग के 11 अफसरों ने संभाली कमान, 12 सेक्टरों में तैयार होगा ‘विकसित यूपी @2047’ का ब्लूप्रिंट

प्रदेश को वर्ष 2047 तक ‘विकसित राज्य’ बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की साझा कवायद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ‘समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराने में नीति आयोग की टीम सक्रिय रूप से जुट गई है। आयोग ने राज्य के 12 प्रमुख सेक्टरों में विकास की रूपरेखा तैयार करने के लिए अपने 11 प्रोग्राम निदेशकों को नामित कर दिया है, जो नवंबर तक विस्तृत रोडमैप तैयार कर लखनऊ स्थित नियोजन विभाग को सौंपेंगे।
नीति आयोग के इन वरिष्ठ अधिकारियों को यूपी के विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर भविष्य की विकास रणनीति तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें नीलम पटेल (कृषि व संबद्ध क्षेत्र व पशुधन संरक्षण), इश्तियाक अहमद (औद्योगिक विकास), देबजानी घोष व युगल किशोर जोशी (आईटी एवं इमर्जिंग सेक्टर), अन्ना राय (नगर व ग्राम्य विकास), राजीव सिंह ठाकुर (अवस्थापना विकास), डाॅ. अंशु भारद्वाज (संतुलित विकास), के.एस. रेजीमोन (समाज कल्याण), राजीव कुमार सेन (स्वास्थ्य), डाॅ. सोनिया पंत (शिक्षा व कौशल विकास) तथा मेजर जनरल के. नारायनन (सुरक्षा व सुशासन) शामिल हैं।
राज्य के नियोजन विभाग को इस पूरी प्रक्रिया का नोडल विभाग बनाया गया है। विभाग ने अपने उप निदेशक, संयुक्त निदेशक और शोध अधिकारियों की सेक्टरवार टीम गठित कर दी है। ये अधिकारी नीति आयोग और डिलाइट के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर हर सेक्टर का विश्लेषण, लक्ष्य निर्धारण और कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि इस विजन डॉक्यूमेंट में शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, रोजगार, बुनियादी ढांचे, सामाजिक सुरक्षा और सुशासन जैसे सभी क्षेत्रों में ठोस, लागू करने योग्य नीति खाका शामिल हो। नवंबर तक तैयार यह ब्लूप्रिंट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि वित्तीय वर्ष 2026-27 के बजट में ‘विकसित यूपी’ की झलक दिखाई दे सके।
‘डिलाइट’ ने भी सेक्टरवार नियुक्त किए विशेषज्ञ
समानांतर रूप से, यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में सहयोग कर रही संस्था ‘डिलाइट’ ने भी सेक्टरवार अपने विशेषज्ञों को नियुक्त किया है। इनमें श्रीनिवास कुच्चिभोतला, हरीश चंद्रा, अंजनी कुमार, अनमोल पुरी, देबाशीष विस्वास, सुमित मिश्रा, अनीस मंडल, स्वाती अग्रवाल, विक्रम आनंद, कमलेश व्यास और कार्तिक अप्पादुरई शामिल हैं। ये विशेषज्ञ नीति आयोग और राज्य सरकार की टीम के साथ मिलकर साझा कार्ययोजना पर काम करेंगे।
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