उत्तर प्रदेश

बुलेटप्रूफ रथ पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए सीएम योगी, बोले- बदले नामों से आज भी मौजूद हैं रामायण और महाभारत के खल पात्र

गोरखपुर। गोरखपुर में दशहरे के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर से विजयदशमी की पारंपरिक शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पारंपरिक पोशाक में रथ पर सवार होकर गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर के लिए प्रस्थान किए। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं और नागरिकों ने उनका अभिनंदन किया और उनका स्वागत भावपूर्ण ढंग से किया। शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग पूरी तरह सक्रिय थे। इस दौरान एडीजी जोन मुथा अशोक जैन, डीआईजी रेंज एस. चन्नप्पा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी राज करन नय्यर, एसपी सिटी अभिनव त्यागी सहित अपर आयुक्त, एसडीएम, तहसीलदार एवं अन्य अधिकारी चप्पे-चप्पे पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए निगरानी में लगे रहे।

इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि समाज को बांटने वाली और सुरक्षा पर खतरा बनने वाली ताकतें हर कालखंड और परिस्थिति में विद्यमान रही हैं। हर काल में सनातन की एकता के बल पर उनका संहार किया जाता रहा है। रामायण और महाभारत के खल पात्र आज भी बदले नामों और रूप में मौजूद होकर समाज को बांटने में लगे हैं। ऐसे लोगों से हर सनातन धर्मावलंबी को सतर्क रहना होगा। प्रकृति के नियमों पर चलने के लिए हमें सनातन पर विश्वास बनाए रखना होगा। क्योंकि सनातन धर्म ही संपूर्ण चराचर जगत की सुरक्षा की गारंटी है।

मुख्यमंत्री गुरुवार को विजयादशमी के अवसर पर मानसरोवर रामलीला मैदान में रामलीला के मंच से भगवान श्रीराम का राजतिलक करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। गोरखनाथ मंदिर की परंपरागत विजय शोभायात्रा की अगुवाई करते हुए रामलीला मैदान पहुंचे मुख्यमंत्री ने लोगों को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भले ही नाम बदल गया होगा लेकिन रामायण और महाभारत काल के दुष्ट पात्र दूसरे रूप में आज भी मौजूद हैं। आज भी समाज शूर्पणखा, ताड़का, खर दूषण, मारीच और सुबाहु जैसे लोगों से त्रस्त है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीयता, छुआछूत और अस्पृश्यता के नाम पर समाज को बांटने वाले लोग पूर्व जन्म में ताड़का, मारीच, शूर्पणखा के सहयोगी रहे होंगे। इसी तरह बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा के लिए खतरा बने लोग पूर्व जन्म में दुर्योधन और दुशासन के शार्गिद रहे होंगे। ऐसे लोगों से समाज को सतर्क रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयादशमी का पर्व अधर्म, अन्याय और अत्याचार के पर्याय रावण पर विजय प्राप्त कर प्रभु श्रीराम द्वारा रामराज की स्थापना के शंखनाद का पर्व है। इसीलिए सनातनी लोग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के उपकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने को रावण का पुतला दहन करते हैं और श्रीराम का अभिनंदन करके उनका वंदन करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने धरा पर सबसे चरित्रवान व्यक्तित्व की लेखनी से मानव को मार्गदर्शन देने के लिए जब अपनी लेखनी उठाई तो उन्होंने श्री राम को साक्षात धर्म का रूप पाया। उनके अनुसार राम में धर्म के सभी आग्रह मौजूद हैं। श्रीराम हर सनातनी के रोम-रोम में बसे हैं। योगी ने कहा कि 90 के दशक में जब संचार के साधन काफी कम थे तब दूरदर्शन पर प्रसारित रामायण सीरियल की पहुंच 66 करोड़ से अधिक लोगों तक हुई। इतना लोकप्रिय धारावाहिक कोई भी नहीं हुआ। कारण यह कि राम की कथा सबके लिए प्रेरणादायी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राम और कृष्ण के प्रति श्रद्धा विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य करने की नई ऊर्जा देती है। यही ऊर्जा सनातन धर्म की ताकत है। कहा कि राम और रावण का युद्ध त्रेता में ही नहीं हर काल परिस्थिति में दिखाई देता है। राक्षसी शक्तियों के खिलाफ द्वंद हमेशा होता है और इस द्वंद्व के संघर्ष से पैदा ताकत ही सामर्थ्य और विकास का आधार है।

योगी ने कहा कि इस देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें अपने विरासत पर गौरव की अनुभूति नहीं होती। सत्ता में रहने पर यह राम और कृष्ण के अस्तित्व पर प्रश्न करते थे। सनातन के विरुद्ध षड्यंत्र करते थे। ऐसे लोगों को जनता स्वीकार नहीं करती।

इस अवसर पर सांसद रवि किशन, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, स्वामी संतोषाचार्य सतुआ बाबा, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, कालीबाड़ी के महंत रवींद्र दास, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के महानगर संयोजक राजेश गुप्ता, रामलीला समिति के महामंत्री पुष्पदंत जैन आदि मौजूद रहे।

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