हम जीयेंगे स्वदेशी के लिए और मरेंगे देश के लिए: सीएम योगी

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- काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया राष्ट्रभक्ति का आह्वान
- मुख्यमंत्री ने कहा- तिरंगा हर घर पहुंचे, स्वदेशी बने जीवन का मंत्र
- बलिदानी क्रांतिकारियों को मुख्यमंत्री योगी ने दी श्रद्धांजलि, कहाझ्र हर भारतवासी के हृदय में हो राष्ट्रभक्ति
- स्वदेशी अपनाएं, विदेशी वस्तुएं छोड़ें; यही भारत की समृद्धि का मार्ग: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ने का मुख्यमंत्री का आह्वान
- सीएम ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना पर आधारित एक पुस्तक का भी किया विमोचन
- मुख्यमंत्री ने छोटी बालिकाओं के हाथों बंधवाई राखी, बेटियों को उपहार में दी मिठाई और चॉकलेट
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के समापन पर देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वर्तमान पीढ़ी से राष्ट्रभक्ति और स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी हमारे जीवन का ध्येय बने, स्वदेशी हमारे जीवन का मंत्र बने, हम जियेंगे स्वदेशी के लिए, हम मरेंगे अपने देश के लिए। अपनी राष्ट्रभक्ति की इस पराकाष्ठा के साथ जब भारत आगे बढ़ेगा तो दुनिया की कोई ताकत भारत का बाल भी बांका नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी का यह संदेश हम सबको इस उद्देश्य के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काकोरी ट्रेन एक्शन में शहीद हुए देश के सपूतों को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पीपल का पौधा भी लगाया। छोटी बालिकाओं के हाथों राखी भी बंधवाई और बेटियों को मिठाई और चॉकलेट भी उपहार में दी। इसके बाद उन्होंने म्यूजियम में सेल्फी और फोटोशूट भी कराया। मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों के परिजनों को भी मंच पर सम्मानित किया, जबकि काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया। इस दौरान संस्कृति विभाग के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ, जिसमें काकोरी ट्रेन एक्शन की उस घटना को प्रस्तुत किया गया।
काकोरी के क्रांतिकारियों ने जगाई राष्ट्रभक्ति की ज्वाला
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 9 अगस्त 1925 को काकोरी में जिन महान क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खजाने पर कब्जा कर उस धन को आजादी की लड़ाई में लगाया था, उन्होंने राष्ट्रभक्ति की जो ज्वाला जलाई, उसका ही परिणाम है कि 1947 में देश आजाद हुआ। उन्होंने याद दिलाया कि उस ट्रेन एक्शन में सिर्फ 4600 लूटे गए थे, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें पकड़ने में 10 लाख से ज्यादा खर्च किए। उन क्रांतिकारियों (पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी और अन्य को बिना सुनवाई के फांसी दी गई। चंद्रशेखर आजाद ब्रिटिश हुकूमत के हाथ नहीं लगे, बल्कि वो स्वयं मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। आज यह शताब्दी महोत्सव उन महान क्रांतिकारियों के स्मरण का महान दिवस है। हमारी वर्तमान पीढ़ी के लिए नई प्रेरणा है। आज से 100 वर्ष पहले इस महान आजादी को लेकर जिन क्रांतिकारियों ने खुद को बलिदान दिया था, उनका पुन: स्मरण करके उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए हर देशवासी को प्राण प्रण से जुटना चाहिए।
हर घर तिरंगा, हर मन में राष्ट्रभक्ति का हो संकल्प
सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रभक्ति की भावना को जन-जन के मन में पुन: प्रतिष्ठित करना आज का हमारा संकल्प होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आह्वान को दोहराते हुए कहा कि हर घर पर तिरंगा फहराया जाए, हर गांव और नगर निकाय, वार्ड में तिरंगा यात्रा निकले, यही हमारी आजादी के अमृत महोत्सव की सार्थकता होगी। उन्होंने कहा कि हर घर के ऊपर ये तिरंगा झंडा हो और हम सब तिरंगा यात्रा के माध्यम से देश की एकता के संदेश को विभाजनकारी मंसूबों को तोड़ते हुए आगे बढ़ाएं। अगर हम इस संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं तो आजादी का यह महोत्सव एक बार फिर से हर भारतवासी को अपने आप से जोड़ने में सफल सिद्ध होगा। देश के स्वाधीनता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों के सामने यही संकल्प दिया है। हर भारतवासी ने भारत की सेना के शौर्य और पराक्रम को सदैव सम्मान दिया है। हाल ही में दुश्मन देश के द्वारा भारत पर थोपी गई युद्ध का जवाब भारत के बहादुर जवानों में आॅपरेशन सिंदूर के माध्यम से जिस तत्परता के साथ दिया, पूरी दुनिया ने भारत के शौर्य और सामर्थ्य का लोहा माना है।
विदेशी वस्तुएं नहीं, अब स्वदेशी बने जीवन का मंत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक ताकत भी राष्ट्रनिर्माण से जुड़ी है और जब हम विदेशी वस्तुएं खरीदते हैं, तो न सिर्फ हमारा पैसा विदेश जाता है, बल्कि वही पैसा आतंकवाद और उग्रवाद में उपयोग होता है। उन्होंने अपील की कि आने वाले त्यौहारों (रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, दशहरा, दीपावली, छठ) में स्वदेशी वस्तुएं ही उपहार में दें और खरीदें। उन्होंने कहा कि पर्व और त्योहारों में जब हम इस दौरान कोई स्वदेशी वस्तु खरीदते हैं तो हमारे हस्तशिल्प और कारीगर काम पाते हैं। यह देश के विकास, उत्थान में खर्च होगा। हम जो भी उपहार देंगे या अपने घर के लिए खरीदेंगे, भले ही तात्कालिक रूप से थोड़ा महंगा हो, लेकिन वही खरीदेंगे जो स्वदेशी होगा। मुख्यमंत्री ने 2 अक्टूबर को हर उत्तर प्रदेशवासी से गांधी आश्रम जाकर खादी खरीदने का संकल्प लेने की अपील की।
आजादी की कीमत चुकाने वालों के सपनों का भारत बनाना है
मुख्यमंत्री ने काकोरी आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारियों और वीर सैनिकों के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा में लगे हर सैनिक और कर्मवीर का सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि लखनऊ के मलिहाबाद के आम को काकोरी ब्रांड बनाकर पूरी दुनिया में भेजा जाएगा, जो क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि और क्षेत्र के विकास का माध्यम बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में न केवल स्वतंत्रता सेनानियों को स्मरण कर रही है, बल्कि शहीद स्मारकों के पुनरुद्धार के कार्यक्रम भी चला रही है। उन्होंने मैनपुरी एक्शन (1915), चौरी चौरा कांड (1922), और काकोरी ट्रेन एक्शन (1925) जैसे महत्वपूर्ण क्रांतिकारी आंदोलनों को याद करते हुए कहा कि हर सफलता की कीमत होती है और आजादी की वह कीमत हमारे पूर्वजों ने चुकाई थी। अब हमें उनके सपनों का भारत बनाना है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल उपस्थित रहे।
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