उत्तर प्रदेश

श्रम कानूनों में आपराधिक प्रावधान समाप्त करेगी योगी सरकार, समीक्षा बैठक में राज्य के 13 कानूनों में बदलाव पर दी सहम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के मंत्र के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रदेश में औद्योगिक व श्रम सुधारों की दिशा में बड़े बदलाव पर सहमति दे दी है। कहा है कि जल्द ही सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक- 2025 कैबिनेट के बाद सदन से पास होगा। राज्य में उद्योग और व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान समाप्त होंगे। ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य यूपी होगा।

मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में गुरुवार को श्रम विभाग की हुई उच्चस्तरीय बैठक में व्यावहारिकता के दृष्टिकोण से इतने बड़े पैमाने पर आपराधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक श्रेणी में परिवर्तित करने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को और सशक्त बनाने के लिए नए कदम उठाना समय की मांग है। साथ ही यह भी उतना ही आवश्यक है कि औद्योगिक विकास के साथ श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधा की गारंटी सुनिश्चित हो। मोदी जी के ‘श्रमेव जयते’ के भाव को आत्मसात करते हुए ऐसे सुधार करने होंगे, जो उद्यमियों और श्रमिकों; दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हों।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार शीघ्र ही ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ लाने जा रही है। इसके अंतर्गत आबकारी अधिनियम, शीरा अधिनियम, वृक्ष संरक्षण अधिनियम, राजस्व संहिता, गन्ना अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, प्लास्टिक कचरा अधिनियम, सिनेमा अधिनियम तथा क्षेत्र व जिला पंचायत अधिनियम सहित कई कानूनों को अधिक व्यावहारिक स्वरूप दिया जाएगा। इनमें जहाँ पहले कारावास की सज़ा का प्रावधान था, वहां अब अधिक आर्थिक दंड व प्रशासनिक कार्रवाई को वरीयता देने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनावश्यक दंडात्मक प्रावधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू करना समय की मांग है। बैठक में इस विधेयक पर संबंधित 14 विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल थे। अधिकांश विभाग सहमत दिखे, जबकि कुछ ने आपत्तियाँ दर्ज कराई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आपत्तियों और सुझावों पर गंभीरता से विचार करते हुए विधेयक को ऐसा स्वरूप दिया जाए, जो उद्योग और श्रमिकों के हितों में संतुलित हो।

श्रम कानूनों में सरलीकरण, थर्ड पार्टी आडिट भी

बैठक में श्रम कानूनों के सरलीकरण पर भी चर्चा हुई। प्रस्तावों में फैक्ट्री लाइसेंस की अवधि बढ़ाने, दुकानों व प्रतिष्ठानों के नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने और महिलाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने जैसे कदम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट की प्रणाली अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से जहां उद्योगों का बोझ कम होगा, वहीं श्रमिकों का हित भी सुरक्षित होगा।

‘निवेश मित्र 3.0’ पोर्टल का नया संस्करण शीघ्र

सुधारों की शृंखला में ‘निवेश मित्र 3.0’ पर भी विचार-विमर्श हुआ। कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म, पैन-आधारित पहचान, स्मार्ट डैशबोर्ड, बहुभाषी सहायता और एआई चैटबॉट जैसी सुविधाएँ जोड़ी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी और निवेशकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश मित्र पोर्टल का नया संस्करण शीघ्र ही लॉन्च किया जाए, जिससे ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को नई मजबूती मिलेगी।

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