
अयोध्याः अयोध्या की रामनगरी इस समय दिव्य प्रकाश और पुष्पों की सुगंध से सराबोर है। 25 नवंबर को होने वाले राम मंदिर के ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। कार्यक्रम में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को देखते हुए कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं, जिनमें सबसे अहम यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन के लिए नहीं जाएंगे।
हनुमानगढ़ी के महंत रमेश दास ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के हनुमानगढ़ी आने का कोई कार्यक्रम अब नहीं है, जबकि पहले यह योजना थी। इसके अलावा मेहमानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राम मंदिर परिसर में बैठने के ब्लॉक 15 से बढ़ाकर 19 कर दिए गए हैं। हर ब्लॉक में कुर्सियां लगाई जा रही हैं और सभी अतिथियों को विशेष प्रवेशिका दी जा रही है, जिसमें क्यूआर कोड स्कैन कर पहचान के बाद ही मंदिर परिसर में प्रवेश मिलेगा।
स्वर्ग जैसी सजावट, विदेशी फूलों से महक उठी रामनगरी
राम मंदिर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। थाईलैंड, वियतनाम से मंगाए गए दुर्लभ और सुंदर फूलों से पूरा परिसर सजाया गया है। गुलाबी-सफेद लिलियम, रंग-बिरंगे ऑर्किड, ट्यूलिप, डहेलिया और स्टार फूलों की खुशबू से वातावरण भक्तिमय हो गया है। मंदिर परिसर को सजाने में कुल 80 क्विंटल देशी-विदेशी फूल लगाए गए हैं, जिनमें से 50 क्विंटल मुख्य मंदिर और 30 क्विंटल आदि शंकराचार्य, रामानंदाचार्य और माध्वाचार्य द्वारों पर इस्तेमाल हुए हैं।
रविवार रात मंदिर के शिखर और मंडपों पर भव्य लेजर शो का रिहर्सल हुआ, जिसमें राम-सीता विवाह के मनमोहक दृश्य दिखाए गए। अंगद टीला पर संचालित सीता रसोई में रामलला का प्रसाद पाकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो रहे हैं।
8 भव्य भोजनालय शुरू, सभी समाजों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
मेहमानों की सुविधा के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने 8स्थानों पर भोजनालय शुरू कर दिए हैं। कारसेवक पुरम और तीर्थ क्षेत्र पुरम में अलग-अलग प्रांतों (अवध, काशी, गोरक्ष, कानपुर आदि) के लिए विशेष कार्यालय खोले गए हैं, जहां अतिथियों को हर जानकारी और सुविधा मिलेगी।
सोमवार से वीवीआईपी और आमंत्रित मेहमानों का आगमन शुरू हो जाएगा। इस समारोह में समाज के हर वर्ग को जोड़ा गया है। कहार, नाई, कुम्हार, लोधी, यादव, माली, धोबी, पासी, वाल्मीकि, रविदास, कुर्मी, गड़ेरिया, नट, सिख समुदाय के साथ-साथ मुस्लिम और जैन धर्म के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस आयोजन को ऐतिहासिक और समावेशी बनाने में पूरी ताकत लगा दी है।
राम मंदिर में राजाराम लला विराजमान हो चुके हैं और अब ध्वजारोहण के साथ मंदिर की पूर्णता का संदेश पूरे विश्व तक पहुंचेगा। अयोध्या एक बार फिर वैसी ही सज-धज रही है, जैसी भगवान राम के आगमन पर अवधपुरी सजी थी।




