उत्तर प्रदेश

सनातन धर्म पर सबसे बड़ा प्रहार करने वाले ‘राजनीतिक इस्लाम’, सीएम योगी ने सपा-कांग्रेस को बताया रामद्रोही

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेशवाद की चर्चा तो अक्सर होती है, लेकिन सनातन धर्म पर सबसे बड़ा प्रहार करने वाले ‘राजनीतिक इस्लाम’ का जिक्र कम ही किया जाता है।

आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में गोरखपुर संभाग द्वारा आयोजित ‘विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन’ और ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप और राणा सांगा जैसे महान योद्धाओं ने ‘राजनीतिक इस्लाम’ के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे पूर्वजों ने राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ बड़े संघर्ष किये फिर भी इतिहास के इस पहलू को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।” आदित्यनाथ ने योगीराज बाबा गंभीरनाथ सभागार में अपने संबोधन में 500 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए संघ की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे पूर्वजों ने न केवल अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के खिलाफ, बल्कि राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी। वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे नायक इसके प्रमाण हैं। ब्रिटिश उपनिवेशवाद की बात होती है, फ्रांसीसी उपनिवेशवाद की बात होती है, लेकिन कहीं भी उस राजनीतिक इस्लाम की बात नहीं होती जिसने आस्था को कमजोर किया।”

हालांकि उन्होंने ‘राजनीतिक इस्लाम’ की व्याख्या नहीं की और न ही उससे संबंधित किसी विशेष घटना का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ की 100 साल की यात्रा में असंभव को संभव बनाया गया है। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और विपक्षी खेमे के सदस्यों ने राम मंदिर पर सवाल उठाए लेकिन संघ के स्वयंसेवक मंदिर निर्माण के अपने संकल्प पर अडिग रहे। संघ ने प्रतिबंधों को सहन किया और उसके स्वयंसेवकों ने लाठीचार्ज और गोलियों का सामना किया, और आज, भव्य श्रीराम मंदिर उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” उन्होंने आरोप लगाया कि ‘राजनीतिक इस्लाम’ को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां विभिन्न रूपों में जारी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने ‘हलाल-प्रमाणित’ उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और दावा किया कि ऐसी बिक्री से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद के लिए किया जा रहा है।

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