
राजधानी के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, गोमती नगर में चल रहे खादी महोत्सव के दौरान प्रतिदिन खादी प्रेमियों की बढ़ती भीड़ देखी जा रही है। प्रदर्शनी में अब तक लगभग 27.34 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की जा चुकी है। महोत्सव में क्षेत्रीय गांधी आश्रम, बाराबंकी के स्टाल पर ऊनी, सूती-खादी उत्पादों की भारी बिक्री हो रही है।
ग्रामोदय संस्थान, सीतापुर के स्टॉल पर भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर अपनी पसंद के उत्पाद खरीद रहे हैं। खादी एवं रेशम के परिधान, अचार-मुरब्बा, हर्बल उत्पाद, जड़ी-बूटी आदि के स्टालों पर उपभोक्ताओं की भीड़ देखने को मिल रही है, जिससे उद्यमियों को आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है।
बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शिशिर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वदेशी उत्पादों के संवर्धन की नीति के अनुरूप खादी उत्पादों को आधुनिकता से जोड़कर विकसित किया जा रहा है।
आज युवा पीढ़ी में खादी परिधानों की मांग तेजी से बढ़ रही है। महोत्सव का उद्देश्य खादी एवं ग्रामोद्योगी उत्पादों को बड़े बाजार से जोड़ना और अधिक से अधिक बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है।उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योगी इकाइयों के उत्पादों की बिकी को और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मंगलवार 25 नवंबर को खरीदार-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
इसमें खादी उत्पादक संस्थाओं, उद्यमियों के साथ-साथ एनबीआरआई, सी-मैप के वैज्ञानिक, फैशन इंस्टीट्यूट के फैकल्टी सदस्य तथा फ्लिपकार्ट ई-कामर्स प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। यह सम्मेलन खादी उद्योग को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इसके अलावा प्रतिदिन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया। सोमवार को कलाकार अर्पित शुक्ला द्वारा गिटार पर प्रस्तुत सुरीली धुनों और आकर्षक गायकी ने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।




