
- यूपीपीसीबी और आईआईटी कानपुर में हुआ समझौता, पारदर्शी भर्ती की दिशा में बड़ा कदम
- बोर्ड के चेयरमैन आरपी सिंह की मौजूदगी में हुआ एमओयू, छह माह में पूरी होगी भर्ती प्रक्रिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) में क्लास-2 संवर्ग के अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया को अब गति मिलेगी। पहली बार यह भर्ती आईआईटी कानपुर के माध्यम से कराने की तैयारी है। इसी क्रम में सोमवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के बीच क्लास-2 (समूह-ख) अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी व गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
बोर्ड मुख्यालय में हुए इस समझौते में बोर्ड के सदस्य सचिव संजीव कुमार सिंह और आईआईटी कानपुर के रजिस्ट्रार विश्व रंजन ने दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष डा. आरपी सिंह ने की। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था के प्रभावी संचालन के लिए सक्षम एवं योग्य मानव संसाधन का होना अनिवार्य है।
आईआईटी कानपुर के साथ यह साझेदारी न केवल भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी बल्कि राज्य के प्रदूषण नियंत्रण तंत्र को और सशक्त करने में सहायक सिद्ध होगी। 45 अधिकारियों की होगी भर्ती इस समझौते के तहत आईआईटी कानपुर सहायक पर्यावरण अभियंता (एएई) और सहायक वैज्ञानिक अधिकारी (एएसओ) की भर्ती प्रक्रिया का संचालन करेगा।
चयन दो चरणों में होगा, जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से अभ्यर्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा। लगभग 45 पदों पर भर्ती की जाएगी, जिनमें 28 पद सहायक पर्यावरण अभियंता और 17 पद सहायक वैज्ञानिक अधिकारी के हैं। पहली बार होगी लिखित परीक्षा बोर्ड ने अगले चार से छह माह में पूरी भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है।
वर्ष 2010 में हुई पिछली भर्ती केवल साक्षात्कार के माध्यम से सम्पन्न हुई थी। इस बार प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम में आईआईटी कानपुर के उप पंजीयक प्रखर शर्मा सहित बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।




