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यूपी का ग्लोबल शोकेस : पेरिस में 120 देशों के सामने होगा पर्यटन स्थलों का प्रदर्शन

  • 23 से 25 सितंबर 2025 तक पेरिस में आयोजित होने जा रहा है ‘इंटरनेशनल एंड फ्रेंच ट्रैवल मार्केट टॉप रेसा 2025’
  • यूपी के लिए पेरिस में फ्रेंच और यूरोपियन ट्रैवल प्रोफेशनल्स, टूर आॅपरेटर्स तथा ट्रैवल इन्वेस्टर्स से जुड़ने का महत्वपूर्ण अवसर
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पर्यटन विभाग के अफसर दे रहे तैयारियों को अंतिम रूप
  • हर साल करीब 3 लाख फ्रेंच पर्यटक आते हैं भारत, वहीं 7 लाख भारतीय पर्यटक करते हैं फ्रांस की सैर
  • हेरिटेज टूरिज्म, वेलनेस और आयुर्वेद, इको और ग्रामीण पर्यटन में विदेशी निवेश को यूपी करेगा आकर्षित
  • फ्रांस और भारत के बीच और मजबूत होगा रिश्ता, वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण का मजबूत संदेश भी देगा यूपी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को बीते 8 साल में बीमारू प्रदेश से उबार कर देश का ग्रोथ इंजन बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब यूपी के पर्यटन सेक्टर को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने का बीड़ा उठा लिया है। इसके लिए उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को आगामी 23 से 25 सितंबर 2025 के बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस के पोर्टे डे वर्सेल्स में आयोजित होने जा रहे ‘इंटरनेशनल एंड फ्रेंच ट्रैवल मार्केट- कऋळट टॉप रेसा 2025’ में भागीदारी के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिये हैं। पर्यटन के क्षेत्र में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में यूपी पर्यटन विभाग की टीम प्रदेश के टूरिज्म सेक्टर की अनगिनत संभावनाओं को दुनिया के सामने रखने की पूरी योजना बना रही है, ताकि विदेशी पर्यटक और निवेशक उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित हो सकें। इस आयोजन में 120 से अधिक देशों के प्रतिनिधि जुटेंगे।

IFTM टॉप रेसा 2025 में छाने की हो रही जोरदार तैयारी
‘इंटरनेशनल एंड फ्रेंच ट्रैवल मार्केट (IFTM) टॉप रेसा 2025’ में छाने के लिए यूपी पर्यटन विभाग जोर-शोर से तैयारी कर रहा है। यहां विदेशी आगंतुकों को उत्तर प्रदेश के स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, जैसे ओडीओपी उत्पादों और विविध संस्कृतियों की झलक दिखाई जाएगी। स्टॉल पर उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प, कलाकृतियां और मंदिर वास्तुकला से सजा रचनात्मक सेट-अप होगा, जो आगंतुकों को सीधे आकर्षित करेगा।

फ्रांस और भारत के बीच और मजबूत होगा पर्यटन का रिश्ता
बता दें कि हर साल करीब 3 लाख फ्रेंच पर्यटक भारत आते हैं, वहीं 7 लाख भारतीय पर्यटक फ्रांस की सैर करते हैं। यह आंकड़े दोनों देशों के बीच पर्यटन के मजबूत रिश्ते को दिखाते हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग इस अवसर का लाभ उठाकर फ्रेंच और यूरोपीय पर्यटकों को वाराणसी, अयोध्या और बौद्ध सर्किट जैसे स्थलों की ओर आमंत्रित करने की तैयारी कर रहा है, जहां वे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव ले सकेंगे।

पेरिस में टूरिज्म सेक्टर के दिग्गजों से जुड़ने का सुनहरा मौका
यूपी के लिए पेरिस में फ्रेंच और यूरोपीय ट्रैवल प्रोफेशनल्स, टूर आॅपरेटर्स तथा पर्यटन निवेशकों से जुड़ने का यह महत्वपूर्ण अवसर है। पर्यटन विभाग यहां अपने स्टॉल पर आकर्षक डिस्प्ले, एलईडी स्क्रीन और इंटरएक्टिव कियोस्क के जरिए उत्तर प्रदेश को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के तौर पर दर्शाएगा। इससे न केवल विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि इससे भारत और यूरोप के बीच नए व्यापारिक रिश्ते भी बनेंगे। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में भी यह उपयोगी होगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में आने वाले विदेशी पर्यटकों में दक्षिण एशियाई देशों के टूरिस्ट्स की संख्या ज्यादा है। योगी सरकार का फोकस है कि यूरोपीय और पश्चिमी देशों के पर्यटकों को भी बड़ी तादात में आकर्षित किया जाए। महाकुम्भ के दौरान प्रदेश में विदेशी पर्यटकों की आमद में खासतौर पर पश्चिमी देशों के पर्यटकों की भी बड़ी संख्या देखने को मिली थी, जिसे आगे भी जारी रखने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इस कड़ी में ‘इंटरनेशनल एंड फ्रेंच ट्रैवल मार्केट (IFTM) टॉप रेसा 2025’ एक अहम कड़ी साबित हो सकता है।

यूपी के हेरिटेज और वेलनेस पर्यटन पर होगा विशेष जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पर्यटन विभाग यहां के हेरिटेज टूरिज्म, वेलनेस और आयुर्वेद, इको और ग्रामीण पर्यटन की विशिष्टताओं को प्रदर्शित कर विदेशी सैलानियों और निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष तैयारी कर रहा है। आयुर्वेद रिट्रीट, योग केंद्र और ग्रामीण होमस्टे जैसे अवसरों को पेरिस में आयोजित होने वाले इवेंट में विशेष रूप से हाइलाइट किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की पर्यटन नीति के तहत निवेशकों को पूंजीगत सब्सिडी, भूमि आवंटन और आसान मंजूरी जैसे लाभ बताए जाएंगे, जो यहां के खंडहर हो रहे किले, महल और आध्यात्मिक स्थलों के विकास में मदद करेंगे।

आगंतुक उठा सकेंगे यूपी की सांस्कृतिक कलाओं का लुत्फ
विभाग उत्तर प्रदेश के पारंपरिक नृत्यों जैसे मयूर नृत्य, रास लीला, आदिवासी नृत्य, बुंदेली लोक नृत्य और कथक को लाइव प्रदर्शित करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा, एआर आधारित सेल्फी पैनल, आॅटो-नेविगेशन स्क्रीन और डिजिटल टच पैनल के जरिए यूरोपियन निवेशक उत्तर प्रदेश के दर्शनीय स्थलों का वर्चुअल दौरा कर सकेंगे। वहीं, मोबाइल ऐप और क्यूआर कोड के माध्यम से यात्रा कार्यक्रमों की बुकिंग प्रक्रिया को फिंगर टिप्स पर उपलब्ध कराने की तैयारी है।

पर्यावरण संरक्षण का भी मजबूत संदेश देगा उत्तर प्रदेश
पर्यावरण संरक्षण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सर्वाधिक जोर है, इसकी झलक पेरिस में आयोजित होने जा रहे आयोजन में भी दिखेगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग सस्टेनेबल सामग्री का उपयोग करके स्टॉल सेट-अप करने की योजना बना रहा है, जिसमें कोई प्लास्टिक या गैर-बायोडिग्रेडेबल वस्तु का इस्तेमाल नहीं होगी। इससे पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल टूरिज्म का संदेश जाएगा। साथ ही, स्टॉल पर आने वाले आगंतुकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा, ताकि भविष्य में उनसे संपर्क करके निवेश और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
बॉक्स 1

क्या है IFTM टॉप रेसा ?
IFTM टॉप रेसा एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल ट्रेड शो है, जो फ्रांस का एकमात्र B2B टूरिज्म इवेंट है। यह तीन दिनों का ट्रेड फेयर होता है, जहां दुनिया भर के ट्रैवल प्रोफेशनल्स, टूर आॅपरेटर्स और निवेशक मिलते हैं। इसमें 170 से अधिक डेस्टिनेशंस, 400 से ज्यादा स्टैंड्स और 1400 ब्रांड्स शामिल होते हैं, जो पर्यटन उद्योग के सभी पहलुओं को कवर करता है। इस इवेंट को https://www.iftm.fr/ पेरिस में आयोजित कराता है और यूरोपीय टूरिज्म बाजार में इसे प्रवेश का बड़ा द्वार माना जाता है।

कितने देश होते हैं शामिल?
IFTM टॉप रेसा में करीब 120 से अधिक देशों से 30,000 से ज्यादा लोग भाग लेते हैं, जबकि 170 से अधिक देशों या क्षेत्रों की डेस्टिनेशंस प्रदर्शित की जाती हैं। यह इवेंट वैश्विक स्तर पर पर्यटन के लिए एक बड़ा मंच माना जाता है, जहां विभिन्न संस्कृतियां और अवसर एक जगह मिलते हैं।

यूपी की भागीदारी से क्या होगा लाभ?
उत्तर प्रदेश की इस इवेंट में भागीदारी से प्रदेश को कई लाभ होंगे। सबसे पहले, विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। दूसरे, विदेशी निवेश आकर्षित होगा, खासकर हेरिटेज साइट्स, वेलनेस रिसॉर्ट्स और इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट्स में, जो उत्तर प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा। तीसरे, सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा, जिससे स्थानीय हस्तशिल्प और उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलेगा। कुल मिलाकर, यह भागीदारी उत्तर प्रदेश को यूरोपीय बाजार में एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में पेश करेगी, जिससे लंबे समय तक पर्यटन और निवेश में वृद्धि होगी।

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