UP में IAS अधिकारियों के तबादलों पर लगी रोक, चुनाव आयोग ने इस वजह से लिया फैसला

लखनऊ। केंद्रीय चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में IAS अधिकारियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है। आयोग ने ऐसा आदेश विधान परिषद के खण्ड स्नातक और खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया को लेकर दिया है। दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के खण्ड स्नातक और खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों को नए सिरे (De-novo) से तैयार करने का कार्यक्रम जारी किया है। आयोग के मुताबिक, इन क्षेत्रों से निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 6 दिसंबर 2026 को समाप्त हो रहा है।
इसलिए 1 नवंबर 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर नई मतदाता सूची बनाई जाएगी। इसी के मद्देनजर आयोग ने एक अहम फैसला लेते हुए राज्य के 72 जिलों में डीएम और एसडीएम के तबादलों पर 30 दिसंबर तक रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाता सूची तैयार करने के अभियान में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला आयोग की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा। आयोग द्वारा अधिसूचित कार्यक्रम के तहत खण्ड स्नातक के 5 निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ और इलाहाबाद-झांसी तथा खण्ड शिक्षक के 6 निर्वाचन क्षेत्र, लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद और गोरखपुर-फैजाबाद शामिल हैं। राज्य के संबंधित मण्डलायुक्तों द्वारा 30 सितंबर 2025 को सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस जारी होने के साथ ही आवेदन फार्म जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए अर्हता
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में नाम शामिल कराने के लिए आवेदक के पास अर्हता तिथि 1 नवंबर 2025 से तीन वर्ष पूर्व भारत के किसी विश्वविद्यालय से स्नातक या उसके समकक्ष डिग्री होनी चाहिए। इच्छुक व्यक्ति को फार्म-18 में आवेदन करना होगा।
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए अर्हता
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता बनने के लिए आवेदक को अर्हता तिथि से पहले राज्य के किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान (कम से कम माध्यमिक स्तर) में पिछले छह वर्षों के भीतर न्यूनतम तीन वर्ष तक शिक्षण कार्य किया होना चाहिए। आवेदन फार्म-19 में किया जाएगा।
सहायक निर्वाचक अधिकारी
प्रत्येक स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में शामिल जिलों के जिलाधिकारी सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी होंगे। इसके अलावा संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी भी सहायक अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। मतदाताओं की सुविधा के लिए पदाभिहीत अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है, जिनकी जानकारी सार्वजनिक नोटिस में दी गई है।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता बनने के इच्छुक लोग मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश की वेबसाइट ceouttarpradesh.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
मतदाता सूची के लिए चुनाव आयोग सख्त
आयोग के इस निर्णय से विधान परिषद चुनाव की तैयारियों को रफ्तार मिलेगी। वहीं, प्रशासनिक तबादलों पर रोक के आदेश से यह भी स्पष्ट हो गया है कि चुनाव आयोग मतदाता सूची निर्माण प्रक्रिया को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाए हुए है।