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सीएम योगी ने निभाया भाई का फर्ज, 8 वर्षों में 1.23 करोड़ से अधिक बहनों को दिया मुफ्त सफर का उपहार

  • 2017 से लेकर 2024 तक रक्षाबंधन पर्व पर यूपी की 1,23,30,194 माताओं-बहनों को मिली निशुल्क यात्रा की सौगात
  • रक्षाबंधन पर्व पर परिवहन विभाग की बसों में मुफ्त यात्रा की पहल बनी नारी सशक्तिकरण का प्रतीक
  • माताओं-बहनों को मुफ्त यात्रा का उपहार देने के लिए परिवहन विभाग ने टिकटों के रूप में वहन किया 101.42 करोड़ का आर्थिक बोझ
  • उत्तर प्रदेश में यात्रा के दौरान महिलाओं की सुविधा और सम्मान का प्रस्तुत किया गया अनूठा उदाहरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रक्षाबंधन के अवसर पर माताओं और बहनों को दी जा रही निशुल्क बस यात्रा सुविधा बीते आठ वर्षों में एक सामाजिक परंपरा बन गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 1,23,30,194 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं, जिनकी यात्रा लागत के रूप में राज्य सरकार ने टिकटों के रूप में कुल 101,42,59,785 रुपए का आर्थिक बोझ वहन किया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में रक्षाबंधन पर्व पर माताओं और बहनों को 8-10 अगस्त तक निशुल्क यात्रा की घोषणा की है।
इस सुविधा की शुरूआत वर्ष 2017 में हुई थी, जब प्रदेश की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व पर प्रदेश की माताओं और बहनों को उपहार स्वरूप रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा देने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक यात्रा प्रदान करना था, जिससे वे बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने भाई से राखी बांधने जा सकें। सरकार का यह संदेश साफ है कि रक्षाबंधन सिर्फ धागा नहीं, बल्कि सुरक्षा, स्नेह और सम्मान का वचन है। और यह वचन, हर साल रोडवेज की मुफ्त यात्रा के जरिए निभाया जा रहा है।

रक्षाबंधन पर आत्मीय पहल

बीते वर्षों में इस योजना का प्रभाव लगातार बढ़ता गया। वर्ष 2017 में जहां सिर्फ 11 लाख महिलाएं इस सेवा का लाभ ले सकीं तो वहीं 2024 तक यह संख्या करीब 20 लाख तक पहुंच गई। हालांकि, इन वर्षों में महिलाओं ने सर्वाधिक लाभ 2023 में लिया, जब 29 लाख से अधिक माताएं और बहनें निशुल्क सफर के इस संकल्प के साथ जुड़ीं। वहीं 2022 में भी 22 लाख से ज्यादा बहनों ने सरकार की इस पहल का लाभ उठाया। योगी सरकार की यह योजना केवल एक सरकारी सेवा के रूप में नहीं, बल्कि रक्षाबंधन जैसे पारिवारिक और भावनात्मक पर्व को और अधिक आत्मीय बनाने का माध्यम बन चुकी है। यह पहल एक तरफ सरकार की संवेदनशीलता को दशार्ती है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में भी एक सशक्त कदम है।

सम्मान का उपहार

इस योजना ने खासकर ग्रामीण, पिछड़े और निम्न आय वर्ग की महिलाओं को रक्षाबंधन पर यात्रा की स्वतंत्रता दी है। महिलाओं ने इसे योगी सरकार द्वारा दिया गया ‘सम्मान का तोहफा’ बताया है, जिससे उन्हें भावनात्मक जुड़ाव के साथ-साथ आर्थिक राहत भी मिली है। यह योजना नारी सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता की दिशा में एक मजबूत पहल मानी जा रही है। सरकार का यह प्रयास यह भी दशार्ता है कि महिला कल्याण केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि उसका वास्तविक लाभ जमीन पर दिखाई देना चाहिए। इस योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार ने यह साबित किया है कि वह महिलाओं की गरिमा और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही यह सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक संवेदनशील और प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

रक्षाबंधन पर माताओं-बहनों की निशुल्क यात्रा का वर्षवार आंकड़ा

वर्ष महिलाओं को लाभ टिकटों की लागत
2024 19,78,403 19.87 करोड़
2023 29,29,755 27.66 करोड़
2022 22,32,322 18.98 करोड़
2021 9,63,466 8.91 करोड़
2020 7,36,605 4.82 करोड़
2019 12,04,085 7.68 करोड़
2018 11,69,226 7.41 करोड़
2017 11,16,332 6.08 करोड़

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