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‘जोड़े साहिब’ यात्रा में शामिल हुए सीएम योगी, कहा- गुरु परंपरा ने भारत को दिया त्याग और बलिदान का संदेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को केवल आस्था नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, सेवा और बलिदान का आदर्श भी दिया है। सिख समुदाय की आस्था का प्रतीक ‘चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा’ के पवित्र जोड़ा साहिब का लखनऊ में भव्य स्वागत हुआ। यह यात्रा सिख समुदाय के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी और माता साहिब कौर के पवित्र जोड़ा साहिब से जुड़ी है, जो सिख आस्था का अत्यंत पवित्र प्रतीक मानी जाती है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा ” हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को अक्षुण्ण रखें और आने वाली पीढ़ियों तक इसकी प्रेरणा पहुंचाएं।” कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवाणी सुनी और यात्रा सदस्यों को पटुका पहनाकर सम्मानित किया। गुरुद्वारा कमेटी ने योगी को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ” हमारी परंपरा में यह कहा गया है, ‘जिथे जाए बहे मेरा सतगुरु, सो थान सुहावा राम राजे।’ अर्थात जहां भी गुरु महाराज के पावन चरण पड़ते हैं, वह स्थान रामराज्य की तरह पवित्र और पुण्यभूमि बन जाता है। यह यात्रा हमें उस गौरवशाली गुरु परंपरा से जोड़ती है, जिसने भारत की संस्कृति, साहस और बलिदान की भावना को नई दिशा दी।”

योगी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह यात्रा गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर शुरू हुई है। यह केवल श्रद्धा की यात्रा नहीं, बल्कि त्याग, बलिदान और राष्ट्र समर्पण की प्रेरणा देने वाली यात्रा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं का भारत की सनातन परंपरा में योगदान अविस्मरणीय है। गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी महाराज और उनके चार साहिबजादों ने जिस प्रकार धर्म, देश और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, वह भारत के इतिहास को नई प्रेरणा देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग ढाई सौ वर्षों से गुरु महाराज के पावन चरण पादुकाएं, जो पहले अखंड भारत के हिस्से पाकिस्तान में थीं, अब पटना साहिब में स्थापित की जा रही हैं। दिल्ली से शुरू हुई यह यात्रा पूरे देश में गुरु परंपरा के प्रति सम्मान और गौरव का भाव जगाती जा रही है। उन्होंने कहा कि लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा इसलिए भी विशेष है क्योंकि गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की स्मृतियां इस स्थान से जुड़ी हैं। यह गुरुद्वारा हमारी साझा आस्था और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

योगी ने सिख समुदाय के प्रति आदर व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु परंपरा ने भारत को केवल आस्था नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा, सेवा और बलिदान का आदर्श भी दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को अक्षुण्ण रखें और आने वाली पीढ़ियों तक इसकी प्रेरणा पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज की यह यात्रा केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए मार्गदर्शन है।

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे इस “गुरु चरण यात्रा” को राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक जागरण के संदेश के रूप में आगे बढ़ाएं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, यूपी कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परबिंदर सिंह के अलावा गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी व कई जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

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